योगी आदित्यनाथ बोले- कुंभ में हुई भगदड़ की घटना को अत्यधिक उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि..
कठिन परिस्थितियों में कई लोग घबरा जाते हैं और हार मान लेते हैं, लेकिन हमें धैर्य और नियंत्रण के साथ दृढ़ निर्णय लेने की शक्ति विकसित करनी चाहिए।" मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं, साधुओं और प्रशासनिक अधिकारियों सहित हितधारकों के बीच प्रभावी समन्वय के महत्व पर भी जोर दिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कार्रवाई की, जिससे पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित हुई और व्यापक दहशत को रोका गया। लखनऊ में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, "इस घटना को ज्यादा उजागर नहीं होने दिया, क्योंकि उस समय प्रयागराज और कुंभ मेला क्षेत्र में 8 करोड़ श्रद्धालु और साधु मौजूद थे। ऐसे में घबराहट से स्थिति और खराब हो सकती थी।
त्रासदी के बावजूद सभी अखाड़े स्नान के लिए तैयार थे
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लाखों श्रद्धालुओं के अलावा, 13 अखाड़ों के संत और साधु भी उस सुबह अनुष्ठानिक 'अमृत स्नान' (पवित्र डुबकी) करने वाले थे। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजनों में अक्सर दो बड़ी चुनौतियां सामने आती हैं - अखाड़ों के बीच स्नान का क्रम निर्धारित करना, जिस कारण ऐतिहासिक रूप से विवाद उत्पन्न होते रहे हैं, तथा यह सुनिश्चित करना कि अनुष्ठान निर्धारित समय प्रातः 4 बजे तक सुचारु रूप से सम्पन्न हो जाए। इस त्रासदी के बावजूद सभी अखाड़े स्नान के लिए तैयार थे, लेकिन प्रशासन ने हस्तक्षेप कर इस आयोजन को स्थगित कर दिया।
अधिकारियों ने भीड़ पर कड़ी निगरानी रखी
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे स्थिति को संभालने के लिए अनुष्ठान को स्थगित करने का अनुरोध किया।" उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने भीड़ पर कड़ी निगरानी रखी, दोपहर तक संगम क्षेत्र को खाली करा लिया और सुनिश्चित किया कि अपराह्न 2:30 बजे तक स्नान फिर से शुरू हो जाए।