क्या होगा अगर हिंदू मुसलमानों से कहें 'अल्लाह-हू-अकबर' बोलना बंद करो? योगी ने विपक्ष को दिया जोरदार जवाब!'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा में विपक्ष पर हमला करते हुए 'जय श्री राम' के नारे का जोरदार बचाव किया. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या होगा अगर हिंदू मुसलमानों से कहें कि 'अल्लाहु अकबर' कहना बंद करें. इस बयान के साथ ही उन्होंने संभल हिंसा पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की और यह बताया कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे कम हो गए हैं. योगी ने 'जय श्री राम' को हिंदू आस्था का प्रतीक बताया और विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया. क्या इस बयान से राज्य की राजनीति में और तनाव बढ़ेगा? जानें पूरी कहानी!
Yogi Bold Challenge: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए 'जय श्री राम' के नारे का बचाव किया. संभल हिंसा पर हो रही बहस के बीच उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या होगा अगर हिंदू मुसलमानों से यह कहें कि वे 'अल्लाहु अकबर' का नारा बंद करें. योगी ने इसे आस्था का प्रतीक बताया और विपक्ष पर उकसावे का आरोप लगाया.
'जय श्री राम' हमारा आस्था का प्रतीक है, उकसावा नहीं
योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्षी नेताओं से सवाल करते हुए कहा, 'अगर हम हिंदू मुसलमानों से कहें कि 'अल्लाहु अकबर' कहना बंद करें तो क्या आप अच्छा महसूस करेंगे?' उनका कहना था कि "जय श्री राम" का नारा कोई उकसावा नहीं है, बल्कि यह हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह खुद अपना जीवन "जय श्री राम," "हर हर महादेव," और "राधे राधे" के नारे से ही पूरी तरह संतुष्ट हैं और किसी अन्य नारे की उन्हें जरूरत नहीं है.
योगी ने इस बात पर जोर दिया कि यदि कोई हिंदू किसी मुसलमान से कहे कि 'अल्लाहु अकबर' न कहें, तो उस हिंदू को इसका क्या महसूस होगा? इससे उनका उद्देश्य स्पष्ट था कि नारे एक आस्थात्मक गतिविधि होते हैं, न कि भड़काऊ.
Mujhe Allahu Akbar ki avashyakta hi nahi hai. Main Jai Shri Ram, Har Har Mahadev aur Radhe Radhe bolkar zindagi kaat sakta hu!
Yogiji on Fire😂🔥🔥 pic.twitter.com/GgJpwhw8Lm
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) December 16, 2024
संभल हिंसा पर योगी का बयान: "सच छिप नहीं सकता"
मुख्यमंत्री ने संभल हिंसा के संदर्भ में भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि "सच्चाई ज्यादा दिन तक छुप नहीं सकती." योगी ने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर आँखें मूंदकर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या में भारी कमी आई है और इस समय तक, इस तरह की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है.
योगी ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे हुए थे और इसमें 192 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन 2017 के बाद से सांप्रदायिक दंगे बेहद कम हो गए हैं.
"जय श्री राम" और "राम-राम" का सांप्रदायिकरण नहीं
योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में "राम-राम" कहना आम बात है. उन्होंने इसे सांप्रदायिक नहीं बल्कि एक सामान्य संबोधन बताया और कहा कि "जय श्री राम" के नारे का कोई भड़काऊ इरादा नहीं होता. योगी ने कहा, "हम जब भी मिलते हैं, तो हम कहते हैं 'राम-राम' और फिर इसे सांप्रदायिक कैसे मान सकते हैं?' योगी का यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष इस नारे को लेकर कई बार सवाल उठा चुका है और इसे उकसावे के रूप में देखा जा रहा था.
योगी आदित्यनाथ का दमदार भाषण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के जरिए यह स्पष्ट किया कि "जय श्री राम" का नारा एक आस्थात्मक संदेश है और इसे सांप्रदायिक रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. साथ ही, उन्होंने विपक्ष के आरोपों का भी जोरदार तरीके से जवाब दिया और यह संदेश दिया कि राज्य सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में बड़ी सफलता प्राप्त की है. इस भाषण ने फिर से इस बहस को हवा दी है कि धार्मिक नारे और आस्थाएँ राजनीति का हिस्सा बन चुकी हैं. यह विवाद इस बात का भी संकेत देता है कि राज्य में धार्मिक भावनाओं को लेकर हमेशा से ही संवेदनशील माहौल बना रहता है, जो चुनावी राजनीति में और अधिक तूल पकड़ सकता है.