गलत दावा करने पर विवादों में घिरे जुकरबर्ग, भेजा गया संसदीय सम्मन
गलत दावा करने पर जुकरबर्ग विवादों में घिर गए हैं. अब उन्हें संसदीय सम्मन का सामना करना पड़ा है. बता दें कि जुकरबर्ग ने जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट में बयान दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कोविड-19 के दौरान अपनी “कमजोर प्रतिक्रिया” के कारण आगामी लोकसभा चुनाव हार सकती है.
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को 2024 के लोकसभा चुनाव पर की गई अपनी विवादास्पद टिप्पणी के बाद अब संसदीय पैनल के सम्मन का सामना करना पड़ रहा है. जुकरबर्ग ने जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट में बयान दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार कोविड-19 के दौरान अपनी “कमजोर प्रतिक्रिया” के कारण आगामी लोकसभा चुनाव हार सकती है. उनके इस बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मेटा को भारत में गलत सूचना फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "मेरी समिति मेटा को बुलाएगी, क्योंकि किसी भी लोकतांत्रिक देश में गलत सूचना देश की छवि को नुकसान पहुंचाती है. मेटा को इस गलती के लिए भारतीय संसद और जनता से माफी मांगनी होगी."
जुकरबर्ग के बयान पर उठा सवाल
मार्क जुकरबर्ग ने अपने बयान में कहा था कि कोविड-19 के बाद दुनिया भर में अधिकांश सरकारें चुनावों में हार गईं, जिनमें भारत भी शामिल है. इस टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे "तथ्यात्मक रूप से गलत" बताते हुए जुकरबर्ग के बयान पर सवाल उठाया और उनकी तथ्य-जांच की मांग की.
वैष्णव ने मेटा के स्वामित्व वाले फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा, "यह देखना निराशाजनक है कि जुकरबर्ग ने गलत सूचना दी. हमें तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 2024 के चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की है और यह मोदी सरकार की सफलता को दर्शाता है.
वैष्णव ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
वैष्णव ने जुकरबर्ग के बयान को खारिज करते हुए कहा, "भारत में 2024 के आम चुनाव में 640 मिलियन से अधिक मतदाता थे और पीएम मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए को मिली जीत जनता के विश्वास का स्पष्ट प्रतीक है." उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां जैसे 800 मिलियन लोगों को मुफ्त भोजन वितरण, 2.2 बिलियन कोविड-19 टीकों का वितरण और महामारी के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता प्रदान करना सरकार की सफलता को साबित करती है.