भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्रा आर्य ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के बारे में चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों पर हो रही हिंसा की वह गंभीर चिंता कर रहे हैं.
चंद्रा आर्य ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता के समय धार्मिक अल्पसंख्यक, विशेषकर हिंदू, सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. 1971 में बांग्लादेश के बनने के बाद से, धार्मिक अल्पसंख्यकों की संख्या तेजी से घट गई है.
आगे उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में रह रहे कनाडाई हिंदू परिवार अपने रिश्तेदारों और संपत्ति की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इसीलिए, वे 23 सितंबर को संसद के सामने एक रैली करने वाले हैं, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को उजागर किया जाएगा. इस रैली में कनाडाई बौद्धों और ईसाइयों के परिवार भी शामिल होंगे.
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंसा बढ़ गई है. देश के 27 जिलों में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं और मंदिरों को भी निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश के जमात-ए-इस्लामी ने स्वीकार किया है कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं, अवामी पार्टी के नेताओं की हत्या की जा रही है और उनके घरों में आग लगाई जा रही है.
चंद्रा आर्य भारतीय मूल के कनाडाई सांसद हैं, जो कर्नाटक से हैं. दो साल पहले उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कनाडा की संसद में कन्नड़ भाषा में बात की थी. वह कनाडा के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में नेपियन, ओंटारियो के चुनावी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और कर्नाटक के तुमकुट जिले से ताल्लुक रखते हैं. First Updated : Tuesday, 17 September 2024