'अमेरिका और भारत, दोनों देशों के लिए फायदेमंद', H-1B वीजा विवाद पर भारत का रुख साफ
International news: भारत ने H-1B वीजा को भारत-अमेरिका की आर्थिक और तकनीकी साझेदारी का अहम हिस्सा बताया. इसके साथ ही, अपने बयान में कुशल पेशेवरों की आवाजाही को दोनों देशों के लिए लाभकारी कहा.
International news: अमेरिकी के एच-1बी वीजा पर जारी बहस के बीच भारत का बड़ा बयान सामने आया है. भारत ने अमेरिका के साथ कुशल पेशेवरों की आवाजाही पर जोर देते हुए इसे दोनों देशों के लिए लाभकारी बताया है. हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने एच-1बी वीजा पर बहस को लेकर अपनी राय व्यक्त की.
एलन मस्क का एच-1बी वीजा के पक्ष में बयान
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर कहा,
"मैं अमेरिका में हूं और स्पेसएक्स, टेस्ला और सैकड़ों अन्य कंपनियों को बनाने वाले कई महत्वपूर्ण लोग एच-1बी वीजा की वजह से यहां हैं." उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस मुद्दे पर ऐसी लड़ाई करूंगा जिसे आप समझ भी नहीं सकते.
ट्रंप प्रशासन में मतभेद
ट्रंप के सहयोगियों में इस मुद्दे पर गहरे मतभेद देखने को मिल रहे हैं. जहां कुछ लोग इसे टेक उद्योग के लिए आवश्यक मानते हैं, वहीं अन्य इसे अमेरिकी नौकरियों के लिए खतरा बताते हैं. हालांकि, ट्रंप ने पहले एच-1बी वीज़ा को सीमित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अब वह इस प्रोग्राम का समर्थन कर रहे हैं.
भारत का बयान: आर्थिक साझेदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और तकनीकी साझेदारी मजबूत है, जिसमें कुशल पेशेवरों की आवाजाही एक अहम भूमिका निभाती है. उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों को इन पेशेवरों की तकनीकी विशेषज्ञता से बहुत लाभ होता है और दोनों देश अपनी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों को और गहरा करने की आशा करते हैं, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हैं.
एच-1बी वीजा में भारतीयों की बड़ी हिस्सेदारी
आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर 2023 को समाप्त हुए वित्तीय साल में अमेरिका ने 265,777 एच-1बी वीजा जारी किए, जिसमें से लगभग 78% वीजा भारतीय पेशेवरों को दिए गए. यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारतीय पेशेवर अमेरिकी टेक उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
भारत-अमेरिका संबंधों में मजबूती
भारत और अमेरिका अपने संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप की ट्रांजिशन टीम से मुलाकात की है. भारत अपने आर्थिक संबंधों को और गहरा करने के लिए उत्सुक है, यह पहचानते हुए कि यह साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद है. 2022-23 की बात करें तो, द्विपक्षीय व्यापार 7.65% बढ़कर 129 अरब डॉलर हो गया, जो दोनों देशों के सहयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है.