'ब्रिक्स खत्म हो चुका है', डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे की खुली पोल, ब्राजील के राष्ट्रपति ने डी-डॉलराइजेशन को लेकर दिया बड़ा बयान

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने डोनाल्ड ट्रंप की बार-बार की धमकियों का सीधा जवाब देते हुए बिना लाग-लपेट के कहा कि "ब्रिक्स+ समूह अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे कुछ भी हो जाए. बता दें कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि ब्रिक्स खत्म हो चुका है. हाल के दिनों में आपने ब्रिक्स से संबंधित कोई खबर सुनी क्या? दरअसल, ट्रंप ने डी-डॉलराइजेशन को मुद्दा बनाया है. ब्रिक्स देश डॉलर का विकल्प तलाश रहे हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

ब्रिक्स+ देशों ने डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज़ करने और ठीक वही करने का फ़ैसला किया है जो वह करना चाहते हैं, वैश्विक व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर का विकल्प खोजना. राष्ट्रपति ट्रंप ने कई मौकों पर धमकी दी है कि अगर ब्रिक्स+ देश 'डी-डॉलराइजेशन' का प्रयास करते हैं तो वे उन पर 100 या 150 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे.

ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका और ब्रिक्स+ 10 सदस्यों वाला समूह है जिसमें पांच मूल सदस्यों के अलावा मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इंडोनेशिया शामिल हैं. सऊदी अरब ने सदस्यता स्वीकार कर ली है, लेकिन अभी तक औपचारिक रूप से शामिल नहीं हुआ है.

डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार दिसंबर में टैरिफ की ऐसी धमकियां दी थीं और फिर जनवरी में अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कुछ हफ्तों तक सब कुछ शांत रहा और जैसे ही राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले हफ्ते अपना कॉलर उठाया और दावा किया कि उनकी धमकी ने जाहिर तौर पर "ब्रिक्स+ देशों की एकता को तोड़ दिया है."

वास्तविकता की जांच

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने डोनाल्ड ट्रंप की बार-बार की धमकियों का सीधा जवाब देते हुए बिना लाग-लपेट के कहा कि "ब्रिक्स+ समूह अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे कुछ भी हो जाए. ब्राजील के राष्ट्रपति ने यहां तक ​​कहा कि "डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियां सदस्य देशों के बीच भुगतान के लिए वैकल्पिक मंच तलाशने के ब्रिक्स के दृढ़ संकल्प को कभी नहीं रोक पाएंगी.

ब्राजील इस वर्ष इस ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है. ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष का शिखर सम्मेलन बहुध्रुवीय विश्व के लिए अपने दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने के "समूह के इरादे को मजबूत करेगा". ब्राजील के राष्ट्रपति की यह स्पष्ट टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान के कुछ सप्ताह बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अन्य देशों को व्यापार के लिए अनिवार्य रूप से अमेरिकी डॉलर का उपयोग करने के लिए बाध्य करने का संयुक्त राज्य अमेरिका का कोई भी प्रयास समय के साथ उल्टा पड़ेगा.

ब्रिक्स खत्म हो चुका है-ट्रंप

अभी पिछले सप्ताह ही डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी छाती ठोकते हुए दावा किया था कि ब्रिक्स राष्ट्र टूट गए हैं और इसका श्रेय उन्होंने अपनी टैरिफ धमकियों को दिया था. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स देश हमारे डॉलर को नष्ट करने की कोशिश कर रहे थे. वे एक नई मुद्रा बनाना चाहते थे. इसलिए जब मैं आया, तो मैंने सबसे पहले यही कहा कि जो भी ब्रिक्स देश डॉलर के विनाश का जिक्र करेगा, उस पर 150% टैरिफ लगाया जाएगा और हम आपके सामान नहीं चाहते हैं और ब्रिक्स देश बस टूट गए. उन्होंने शेखी बघारते हुए कहा कि "मुझे नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ, आपने हाल में ब्रिक्स देशों से कोई खबर नहीं सुनी है?

अमेरिकी डॉलर के विकल्प की वास्तविक संभावना से चिंतित राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स की स्थापना एक बुरे उद्देश्य के लिए की गई थी. उन्होंने आगे कहा कि "ब्रिक्स देश अब डी-डॉलरीकरण बारे में बात करने से भी डरते हैं, क्योंकि मैंने उनसे कहा है कि यदि वे डॉलर के साथ खेलना चाहते हैं, तो ब्रिक्स नेशन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा.

ब्रिक्स+ मुद्रा पर स्थिति

ब्रिक्स+ देशों के पास अभी तक एक साझा मुद्रा नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि कुछ सदस्य देशों के बीच बंद कमरे में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई है. 2023 में रूस में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन ने घोषणा की थी कि बहुध्रुवीय दुनिया के लिए डी-डॉलराइजेशन महत्वपूर्ण है.

राष्ट्रपति पुतिन ने उस समय कहा था कि ब्रिक्स+ देशों को राष्ट्रीय मुद्राओं में निपटान का विस्तार करना चाहिए और बैंकों के बीच सहयोग बढ़ाना चाहिए. यूक्रेन में युद्ध को लेकर अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ब्रिक्स+ देशों के बीच सहयोग में काफी वृद्धि हुई है.

यूरोप के पास यूरो करंसी

यूरोप में यूरो है, लेकिन ब्रिक्स+ देशों द्वारा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले किसी साझा वैश्विक मुद्रा पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, कई सदस्य देशों ने पहले ही स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करना शुरू कर दिया है ताकि जितना संभव हो सके अमेरिकी डॉलर के इस्तेमाल से बचा जा सके. फिलहाल और निकट भविष्य में भी, अमेरिकी डॉलर व्यापार और भंडार के लिए प्रमुख वैश्विक मुद्रा बनी हुई है.
 

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01 March 2025, 08:53 AM IST

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