'यजीदी बच्चों का खिलाया मांस', ISIS के चुंगल से बच निकली फ़ौज़िया सिदो की आपबीती सुन कांप जाएगी रूह

Fauzia Sido's story: आईएसआईएस के चुंगल से निकली फ़ौज़िया सिदो ने समूह के साथ अपने समय के दौरान अपने साथ हुए भयानक अत्याचारों को बहादुरी से बयां किया है. सिदो, जो केवल 9 वर्ष की थी जब उसका किडनैप किया गया था, उन्होंने किडनैपर्स की क्रूरता को उजागर करने वाले कई विवरण को सामने रखा. 

Amit Kumar
Edited By: Amit Kumar

Fauzia Sido's story: आईएसआईएस के हाथों एक दशक तक कैद में रहने वाली यजीदी महिला फ़ौज़िया अमीन सिदो चौंकाने वाले खुलासे किए है. उन्होंने ने आईएसआईएस समूह के साथ अपने समय के दौरान अपने साथ हुए भयानक अत्याचारों को बहादुरी से बयां किया है. सिदो, जो केवल 9 वर्ष की थी जब उसका किडनैप किया गया था, उन्होंने किडनैपर्स की क्रूरता को उजागर करने वाले कई विवरण को सामने रखा. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक साक्षात्कार में, सिदो ने बताया कि कैसे उसे और उसके दो भाइयों को जबरन वह खाने के लिए मजबूर किया गया जो उन्हें बताया गया था कि यजीदी बच्चों का मांस है. उन्होंने (आईएसआईएस) हमारे लिए चावल बनाया और हमें इसके साथ खाने के लिए मांस दिया.  इसका स्वाद अजीब था, और हममें से कुछ को इसके बाद पेट में दर्द होने लगा, ये दर्द और बढ़ गया जब किडनैपर्स ने सिर कटे शिशुओं की भयानक तस्वीरें दिखाईं, और उन्हें यह कहते हुए चिढ़ाया, 'ये वे बच्चे हैं जिन्हें तुमने (अभी) खाया है. 

यजीदी बच्चों का मांस खिलाया 

इस बीच सिडो ने  आगे एक और चौंकाने वाले लम्हों को बताया.  उन्होंने कहा कि  एक महिला को दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई,  जब उसे पता चला कि उसके बच्चे की हत्या कर दी गई है.  'महिला ने बच्चे के हाथों की वजह से बच्चे को पहचान लिया. जो उन्हें मांस के तौर पर खाने के लिए दिया गया था.   उन्होंने (आईएसआईएस) हमें (खाने के लिए) मजबूर किया. लेकिन यह जानना बहुत मुश्किल है कि यह हुआ. यह हमारे हाथ में नहीं था.' 

2014 में  ISIS फ़ौज़िया सिदो को किया था किडनैप?

फ़ौज़िया सिदो उन कई यज़ीदी महिलाओं में से एक हैं जिन्हें 2014 में ISIS ने अपने आतंक के दौर में गुलाम बनाया था.  यह घटना पिछले आरोपों की पुष्टि करती है कि समूह ने अपने बंदियों को मानव मांस खिलाया था.  सिदो को बार-बार यौन दासता का सामना करना पड़ा, उसे कई जिहादियों को 'बेचा' गया, जिसमें अबू अमर अल-मकदीसी भी शामिल है, जिसके साथ उसके दो बच्चे हैं. 

हाल ही में, सिदो की दर्दनाक पीड़ा तब समाप्त हुई जब उसे अमेरिकी दूतावास के सहयोग से इजरायली सेना द्वारा गाजा से बचाया गया.  हालांकि अब वह इराक में अपने परिवार के पास वापस आ गई है, लेकिन उसके बच्चे गाजा में अल-मकदीसी के परिवार के पास ही हैं. 

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20 October 2024, 09:22 PM IST

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