युद्ध विराम पर सहमति: फिलिस्तीनी प्रतिरोध की ताकत साबित 

ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला अली खामेनेई ने फिलिस्तीनी 'प्रतिरोध' की सराहना की सराहन करते हुए कहा कि उसने इजरायल को ततीय क्षेत्र के क्षेत्र से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है. उन्होंने इसे फिलिस्तीनी ताकत और संघर्ष का प्रतीक बताया. खामेनेई ने यह बयान एसे समय दिया जब इजरायल-फिलिस्तीन विवाद बढ़ रहा है. उनका यह दावा संघरष में ईरान की भूमिका को रेखांकित करता है, जो फिलिस्तीनी गुटों को समर्थन देता है.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

इंटरनेशनल न्यूज. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने गुरुवार को कहा कि गाजा में युद्ध विराम फिलिस्तीनी प्रतिरोध के लिए एक "महान जीत" है, तथा उन्होंने इजरायल द्वारा किसी भी संभावित उल्लंघन के खिलाफ चेतावनी दी.
फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह हमास और इजरायल ने गाजा में युद्ध विराम के लिए एक समझौता किया है. इसके बारे में मध्यस्थों ने कहा कि यह रविवार से प्रभावी होगा. इस समझौते में 15 महीने के संघर्ष के दौरान वहां बंधक बनाए गए इजरायली बंधकों को रिहा करने का प्रावधान है. इसने इस क्षेत्र को तबाह कर दिया और हजारों फिलिस्तीनियों को मार डाला.

हिजबुल्लाह ने हमास का किया समर्थन 

गार्ड्स द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि युद्ध की समाप्ति और ज़ायोनी शासन (इज़राइल) पर युद्ध विराम लागू होना फिलिस्तीन के लिए एक स्पष्ट और महान जीत है और ज़ायोनी शासन के लिए एक बड़ी हार है. ईरान और क्षेत्र में इसके सहयोगी गैर-राज्य सशस्त्र समूहों जैसे यमन के हौथी और लेबनान के हिजबुल्लाह ने पूरे संघर्ष के दौरान हमास का समर्थन किया है.

ईश्वरीय वादे में गहरा विश्वास 

गार्ड्स ने कहा कि प्रतिरोध जीवित, फल-फूल रहा है. मजबूत है  और अल-अक्सा मस्जिद और यरुशलम को आजाद कराने के ईश्वरीय वादे में गहरा विश्वास है. उन्होंने इजरायल द्वारा युद्ध विराम के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि वे "नए युद्धों और अपराधों" का सामना करने के लिए मैदान में तैयारी कर रहे हैं. एक्स पर, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि फिलिस्तीनी प्रतिरोध और ईरान समर्थित "प्रतिरोध धुरी" इजरायल को "पीछे हटने" के लिए मजबूर करने में सफल रहे.

इजरायल ने युद्ध विराम पर सहमति की थी व्यक्त 

गाजा में युद्ध ने इजरायल के कब्जे वाले पश्चिमी तट, लेबनान, सीरिया, यमन और इराक में संघर्ष को बढ़ावा दिया, तथा कट्टर क्षेत्रीय शत्रुओं इजरायल और ईरान के बीच पूर्ण युद्ध की आशंकाएं पैदा कर दीं. नवंबर में, संघर्ष बढ़ने के कुछ सप्ताह बाद हिजबुल्लाह और इजरायल ने युद्ध विराम पर सहमति व्यक्त की थी. इसके परिणामस्वरूप बेरूत में इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह नेता सैयद हसन नसरल्लाह की मौत हो गई थी.

 'प्रतिरोध धुरी' के खिलाफ युद्ध...

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन सहित पश्चिमी अधिकारियों ने कहा है कि इजरायल और ईरान समर्थित "प्रतिरोध धुरी" के खिलाफ युद्ध ने तेहरान को काफी कमजोर कर दिया है. रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर हुसैन सलामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि ईरान के दुश्मनों को हाल के क्षेत्रीय घटनाक्रमों से "झूठी खुशी" हो रही है और तेहरान की मिसाइल सेना पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गई है.

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16 January 2025, 06:04 PM IST

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