'मैं ट्रंप को हरा देता लेकिन...' बाइडेन ने किए कई खुलासे, क्यों हो गए थे राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर?
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपनी साथी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए पिछले साल हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की शानदार जीत हुई, वह 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करेंगे. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जो बाइडेन को खराब सेहत के चलते पीछे हटना पड़ा था, उनकी जगह डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप का सामना कमला हैरिस नहीं कर पाईं. अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है कि वह नवंबर में हुए चुनावों में ट्रंप को हरा सकते थे, लेकिन उन्होंने डेमोक्रिटिक पार्टी की एकजुटता की खातिर चुनाव के बीच उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया.
व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान बाइडेन से सवाल पूछा गया, 'राष्ट्रपति महोदय, क्या आपको दोबारा चुनाव न लड़ने के अपने फैसले पर पछतावा है? क्या आपको लगता है कि इससे आपके पूर्ववर्ती के लिए आपका उत्तराधिकारी बनना आसान हो गया?'
इसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे लगता है कि मैंने ट्रंप को हरा दिया होता. मैं ट्रंप को हरा सकता था. मुझे यह भी लगता है कि कमला (हैरिस) ट्रंप को हरा सकती थीं. लेकिन यह (राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होना) इसके बारे में नहीं था- जब पार्टी इस बात को लेकर चिंतित थी कि मैं आगे बढ़ पाऊंगा या नहीं तो मुझे लगा कि पार्टी को एकजुट करना महत्वपूर्ण है. भले ही मुझे लगा कि मैं फिर से जीत सकता हूं, मैंने सोचा कि दल एकजुट करना बेहतर होगा.'
राष्ट्रपति बनना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान
जो बाइडेन ने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बनना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान था. लेकिन मैं ऐसा व्यक्ति नहीं बनना चाहता था जिसने ऐसी पार्टी को चुनाव हारा दिया जो एकजुट नहीं थी. इसीलिए मैंने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया. मुझे कमला हैरिस पर विश्वास भी था कि वह जीत सकती हैं.'
अपनी ही पार्टी के नेताओं की ओर से काफी आलोचना झेलने के बाद, जो बाइडेन ने बीच में ही राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया और डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपनी साथी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया था. कमला हैरिस को डोनाल्ड ट्रंप के हाथों राष्ट्रपति चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. आम चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी को क्लीन स्वीप मिली, जिसने न केवल ट्रंप को दोबारा व्हाइट हाउस पहुंचाया, बल्कि उनकी पार्टी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में अपना बहुमत बनाए रखा बल्कि सीनेट में भी बहुमत हासिल कर लिया.
क्या कमला हैरिस फिर लड़ेंगी चुनाव
जून में अटलांटा में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच हुई ‘डिबेट' में बाइडेन (82) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिसके बाद से उनकी ही पार्टी के सदस्य बाइडेन के इस पद की दौड़ से हटने की बात करने लगे थे और अंतत: बाइडेन ने ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला किया था. बाइडेन की जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था. हालांकि उन्हें ट्रंप के हाथों हार का सामना करना पड़ा. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाइडेन ने कहा, कमला हैरिस फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती हैं. मुझे लगता है कि यह एक ऐसा निर्णय है, जिसके बारे में वह सोच सकती हैं. वह चार साल बाद फिर से चुनाव लड़ने के लिए सक्षम हैं. यह निर्णय उन्हें ही लेना होगा.'
क्या बाइडेन करेंगे बुश मॉडल को फॉलो
मीडिया ने इस दौरान बाइडेन से पूछा गया, क्या आप राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी सक्रिय रहने की योजना बना रहे हैं, या आप बुश मॉडल को फॉलो करने जा रहे हैं, जहां आप लोगों की नजरों से ओझल रहेंगे? इसपर बाइडन ने कहा, 'मैं न तो नजरों से ओझल होऊंगा और न ही दिलों से.' डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद छोड़ देंगे. उनकी जगह डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप बाइडन से पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं.