'सीक्रेट इनफॉर्मेशन गलत हाथों में चली जाती तो यूएस पायलट के लिए हो सकता था खतरा', यमन चैट से खुलासा
एक अमेरिकी अधिकारी ने यमन पर हमले की सीक्रेट जानकारी एक हाई प्रोफाइल ग्रुप में शेयर कर दी, जिसमें एक पत्रकार भी शामिल था. इस चैट ग्रुप में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव हेगसेथ, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक जॉन रैटक्लिफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, विदेश मंत्री मार्को एंटोनियो रुबियो, नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक तुलसी गबार्ड और अन्य शामिल थे.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, व्हाइट हाउस और कई शीर्ष अधिकारियों ने ग्रुप में सीक्रेट जानकारी शेयर करने की घटना से इनकार किया है. इसके बाद द अटलांटिक ने स्क्रीनशॉट सहित चैट शेयर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि हमले से दो घंटे पहले ही इस बारे में जानकारी मिल चुकी थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब अमेरिकी विमान यमन के लिए उड़ान भर रहे थे, अमेरिकी पायलटों और अन्य कर्मियों के लिए और भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता था, यदि वे गलत हाथों में पड़ जाते.
आपको बता दें कि एक अमेरिकी अधिकारी ने यमन पर हमले की सीक्रेट जानकारी एक हाई प्रोफाइल ग्रुप में शेयर कर दी, जिसमें एक पत्रकार भी शामिल था. इस चैट ग्रुप में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव हेगसेथ, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक जॉन रैटक्लिफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज, विदेश मंत्री मार्को एंटोनियो रुबियो, नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक तुलसी गबार्ड और अन्य शामिल थे.
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
विशेषज्ञों ने उन्हें बार-बार बताया था कि इस तरह की संवेदनशील चर्चाओं के लिए सिग्नल चैट का उपयोग करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है. यमन के लिए अमेरिकी विमानों के उड़ान भरने का सटीक समय की अवधि में गलत हाथों में पड़ जाती, तो अमेरिकी पायलट और अन्य अमेरिकी कार्मिक सामान्य से भी अधिक खतरे में पड़ सकते थे. ट्रंप प्रशासन यह तर्क दे रहा है कि इन पाठों में निहित सैन्य जानकारी गोपनीय नहीं थी, जैसा कि आमतौर पर होती है - हालांकि राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया है कि वे इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे.
युद्ध योजना लीक नहीं हुई
पूर्वी समयानुसार 11.44 बजे हेगसेथ ने लिखा कि प्रथम आक्रमण पैकेज बनाने वाले एफ-18 विमान 12.15 पूर्वी समयानुसार पर उड़ान भरेंगे तथा एक हूती आतंकवादी पर 13.45 पूर्वी समयानुसार पर हमला होने की संभावना है. इस घटना को ट्रंप और उनके प्रशासन के सामने दो महीने पहले अरबपति के सत्ता में लौटने के बाद सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक के रूप में देखा जा रहा है. इस लीक के कारण हेगसेथ और वाल्ट्ज के इस्तीफे की भी मांग की गई है. वाल्ट्ज ने दोहराया कि कोई भी युद्ध योजना लीक नहीं हुई है, तथा इस बात पर जोर दिया कि असल बात यह है कि ट्रंप अमेरिका और उसके हितों की रक्षा कर रहे थे.