परमाणु कार्यक्रम पर ओमान में अमेरिका-ईरान के बीच 'अप्रत्यक्ष' वार्ता शुरू, जानें क्या हुई चर्चा

राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए तेहरान पर हमला करने की धमकी दी है, यदि समझौता नहीं हुआ, तो ईरान ने चेतावनी दी है कि वह हथियार स्तर के करीब संवर्धित अपने यूरेनियम भंडार के साथ परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर सकता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

ईरान और अमेरिका के दूतों ने शनिवार को ओमान में तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत शुरू की. हालांकि तत्काल कोई समझौता होने की संभावना नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच आधी सदी से चली आ रही दुश्मनी के कारण बातचीत में बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है. हाल के दिनों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को धमकी दे रहे हैं कि अगर वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ आम सहमति बनाने में विफल रहता है तो वह ईरान को ऐसा करने से रोकेगा.

राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए तेहरान पर हमला करने की धमकी दी है, यदि समझौता नहीं हुआ, तो ईरान ने चेतावनी दी है कि वह हथियार स्तर के करीब संवर्धित अपने यूरेनियम भंडार के साथ परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर सकता है.

ईरानी विदेश मंत्री ने ओमानी समकक्ष से मुलाकात की 

ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के साथ वार्ता से पहले, ईरान के विदेश मंत्रालय ने तेहरान के शीर्ष राजनयिक अब्बास अराघची की ओमानी विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी के साथ बैठक का फुटेज जारी किया. रिपोर्ट के अनुसार, अराघची ने ईरान के रुख और वार्ता के मुख्य बिंदुओं को अमेरिकी पक्ष को बताया.

ईरान ने वार्ता को 'अप्रत्यक्ष' बताया

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने एक बयान में कहा, "ये वार्ता ओमानी मेजबान द्वारा नियोजित स्थान पर होगी, जिसमें इस्लामी गणराज्य ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि हॉल और किनारों में बैठेंगे, तथा ओमानी विदेश मंत्री के माध्यम से एक-दूसरे को अपने विचार और स्थिति से अवगत कराएंगे, जबकि ट्रंप और विटकॉफ दोनों ने वार्ता को "प्रत्यक्ष" बताया है, ईरानी पक्ष इसे "अप्रत्यक्ष" वार्ता कहता है. 

अमेरिका इस वार्ता से क्या चाहता है? 

बैठक में अमेरिकी पक्ष ईरान को आकर्षक सौदे की पेशकश करने पर विचार करेगा क्योंकि वह चाहता है कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को स्वीकार कर ले. वर्तमान में, ईरान अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है और मध्य पूर्व में 18 महीनों के उथल-पुथल के बाद वह कमज़ोर स्थिति में है. हाल ही में अमेरिकी वित्त विभाग ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसके अंतर्गत पांच संस्थाओं और एक व्यक्ति को लक्ष्य बनाया गया.

जब ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु समझौते से हाथ खींचा

राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में संयुक्त व्यापक कार्य योजना से हाथ खींच लिया था, जो ईरान और छह प्रमुख शक्तियों के बीच थी. 2015 के परमाणु समझौते के तहत ईरान केवल 3.67% तक यूरेनियम का एक छोटा भंडार रख सकता था. आज तेहरान का भंडार उसे कई परमाणु हथियार बनाने की अनुमति दे सकता है, अगर वह ऐसा करना चाहे, और उसके पास 60% तक संवर्धित कुछ सामग्री है, जो हथियार-स्तर के स्तर से एक छोटा, तकनीकी कदम दूर है.

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12 April 2025, 08:38 PM IST

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