'खालिस्तानी हर सिख का प्रतिनिधित्व नहीं करते', हिंदुओं के खिलाफ हमले पर जस्टिन ट्रूडो के बदले सुर
India And Canada Conflict: हिन्दू मंदिर हमले पर जस्टिन ट्रूडो ने अपने सुर बदल लिए हैं. दरअसल, उन्होंने ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हुए खालिस्तानी हमले की कड़ी निंदा की. इससे पहले, ट्रूडो खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाते आए थे, लेकिन अब उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि खालिस्तानी हर सिख का प्रतिनिधित्व नहीं करते.
India And Canada Conflict: भारत और कनाडा के रिश्तों में इन दिनों तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों के बीच यह विवाद उस समय और गहरा हुआ है, जब कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां बढ़ने लगीं हैं. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति पद से जो बाइडन की डेमोक्रेटिक सरकार की विदाई तय होते ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अब अपने सुर बदलने शुरू कर दिए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 नवम्बर को उन्होंने ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हुए खालिस्तानी हमले की कड़ी निंदा की. इससे पहले, ट्रूडो खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाते आए थे, लेकिन अब उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि खालिस्तानी हर सिख का प्रतिनिधित्व नहीं करते.
क्या बोले जस्टिन ट्रूडो?
कनाडा की संसद में बुधवार को बोलते हुए ट्रूडो ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले लोग कनाडा में रहने वाले सिख और हिंदू समुदाय के असली प्रतिनिधि नहीं हैं. उनका यह बयान इस विवाद में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इससे यह संदेश गया कि वह खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों से असहमत हैं.
हिंसा और घृणा के को लेकर क्या बोले ट्रूडो?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में देशभर में दक्षिण एशियाई समुदायों के बीच हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'जो लोग हिंसा, विभाजन और घृणा फैला रहे हैं, वे किसी भी तरीके से कनाडा के सिख या हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते." ट्रूडो का यह बयान खासतौर पर ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले के संदर्भ में आया, जिससे कनाडा के हिंदू समुदाय में चिंता फैल गई थी. हमले के दौरान महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट्स सामने आई थीं.
भारतीय उच्चायोग ने की थी निंदा
इसी बीच, ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की थी. भारतीय उच्चायोग ने 3 नवम्बर को जारी बयान में कहा, 'हमने एक हिंसक घटना देखी, जिसमें भारत विरोधी तत्वों ने टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में स्थित हिंदू सभा मंदिर और वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर व्यवधान पैदा किया.'
भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा पर चिंता
भारतीय उच्चायोग ने अपने बयान में कहा, 'हम भारतीय नागरिकों और उन आवेदकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जिनके अनुरोध पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.' उच्चायोग ने यह भी बताया कि भारत विरोधी तत्वों के प्रयासों के बावजूद, उनके वाणिज्य दूतावास ने भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1,000 से ज्यादा जीवन प्रमाण पत्र सफलतापूर्वक जारी किए.