'सूडान में चुनौतियों भरा रहा अभियान', ऑपरेशन कावेरी के पूरा होने पर बोले एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन कावेरी के तहत 4000 लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया। यह ऑपरेशन बेहद चुनौतियों भरा रहा है।
हाइलाइट
- जयशंकर ने कहा कि विदेश में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता हमारी प्रेरणा है।
हिंसाग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी चलाया था। रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन कावेरी के खत्म होने की जानकारी दी। कर्नाटक के मैसूर में केंद्र सरकार की विदेश नीति पर एक इंटरैक्टिव सत्र में जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन कावेरी के तहत करीब 4000 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने अभी-अभी ऑपरेशन कावेरी पूरा किया है। ये बेहद चुनौतियों भरा ऑपरेशन था। हम लगभग 4000 लोगों को सुरक्षित वापस लाए हैं। यह सबसे खतरनाक ऑपरेशन था। उन्होंने कहा कि जब लड़ाई शुरू हुई तो ज्यादातर दूतावास वहां से तुरंत चल गए। लेकिन हमारे दूतावास वहां रुके रहे, क्योंकि हमारे भारतीय वापस आ रहे थे।
भारतीय वायुसेना ने सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच हिंसा शुरू होने के बाद राजधानी खार्तूम से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए 24 अप्रैल को ऑपरेशन कावेरी चलाया था। एस जयशंकर ने ट्वीट कर लिखा, "विदेश में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता हमारी प्रेरणा है। भारतीय वायु सेना के सी130 विमान के शुक्रवार को आने के साथ ही ऑपरेशन कावेरी के जरिए सूडान से लगभग 4000 लोगों को निकाला गया।"
What happened in #OperationKaveri?https://t.co/ryZJZu9zpt pic.twitter.com/XON5xzSUpe
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 7, 2023
उन्होंने बताया कि "भारतीय वायु सेना की उड़ानों और 5 भारतीय नौसेना के जहाजों की उड़ानों के माध्यम से हमारे लोगों को पोर्ट सूडान से सऊदी अरब के जेद्दाह में सुरक्षा के लिए ले जाया गया। वहीं, सूडान की सीमा से लगे देशों से 86 नागरिकों को निकाला गया।"
एस जयशंकर ने कहा कि जेद्दा से एयरफोर्स और कमर्शियल फ्लाइट्स ने लोगों को घर पहुंचाया है। हम उनकी मेजबानी करने और इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए सऊदी अरब का आभार व्यक्त करते है। साथ ही चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, यूएई, यूके, यूएसए और यूएन के समर्थन की भी सराहना करते हैं।