रूस-यूक्रेन विवाद में PM मोदी और ट्रंप ने निभाई बड़ी भूमिका, पुतिन ने किया धन्यवाद
Putin thanked Prime Minister Modi: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन-रूस युद्ध विराम प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वैश्विक नेताओं के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि ये नेता शांति प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उनके योगदान के लिए रूस आभारी है.

रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सराहा है. पुतिन ने कीव के युद्ध विराम प्रस्ताव पर अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में पीएम मोदी, ट्रंप और अन्य वैश्विक नेताओं को धन्यवाद दिया. यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युद्ध को खत्म करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं.
गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि रूस दुश्मनी समाप्त करने के प्रस्तावों के लिए तैयार है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब यह समाधान दीर्घकालिक शांति सुनिश्चित करे और इस संघर्ष के मूल कारणों को समाप्त करे.
युद्ध विराम पर पुतिन की प्रतिक्रिया
पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस युद्ध विराम का समर्थन करता है, लेकिन इसे केवल अस्थायी समाधान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, "हम दुश्मनी समाप्त करने के प्रस्तावों से सहमत हैं, लेकिन यह समाप्ति दीर्घकालिक शांति के लिए होनी चाहिए और संकट के मूल कारणों को समाप्त करना चाहिए." इस बयान से साफ है कि रूस केवल संघर्ष को रोकने के बजाय स्थायी समाधान चाहता है.
यूक्रेन पर अमेरिकी दबाव का संकेत
पुतिन ने अपने बयान में कहा कि यूक्रेन ने संभवतः अमेरिका के दबाव में सऊदी अरब में युद्ध विराम की इच्छा व्यक्त की होगी. उन्होंने कहा, "यूक्रेनी पक्ष ने संभवतः अमेरिकी दबाव में यह निर्णय लिया है, जो युद्ध के मैदान में बिगड़ती स्थिति से प्रेरित हो सकता है." हालांकि, रूस यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यह केवल एक अस्थायी निर्णय न हो, बल्कि एक स्थायी शांति समाधान की ओर बढ़े.
विश्व नेताओं की शांति प्रयासों में भूमिका
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा, "कई देशों के नेता, जैसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इसे हल करने के लिए प्रयासरत हैं. हम उनके योगदान के लिए आभारी हैं." ट्रंप ने भी इस युद्ध विराम की कोशिशों को 'बहुत महत्वपूर्ण' करार दिया और कहा कि इस संघर्ष को रोकना दोनों देशों के हित में है.
प्रधानमंत्री मोदी की शांति नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी कई बार कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है और विवादों को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "भारत की स्थिति यह है कि विवाद को शांति से हल किया जाना चाहिए." मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत न तो तटस्थ है और न ही किसी पक्ष का समर्थन कर रहा है, बल्कि वह केवल शांति के पक्ष में खड़ा है.
30 दिनों का अंतरिम युद्ध विराम
यूक्रेन ने 11 मार्च को अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 30-दिवसीय युद्ध विराम को स्वीकार करने की इच्छा जताई, जिसे पार्टियों के बीच सहमति के आधार पर आगे बढ़ाया जा सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस इस प्रस्ताव पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देगा और युद्ध विराम की दिशा में क्या शर्तें रखी जाएंगी. रूस की ओर से पुतिन की यह प्रतिक्रिया वैश्विक शांति प्रयासों के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है. अब दुनिया की नजर इस पर टिकी है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति की राह कितनी जल्दी खुल सकती है.