'मंदिरों पर हमले, बहन-बेटियों की लूटी जा रही इज्जत', बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार बढ़ रहा अत्याचार
बांग्लादेशी मुसलमान लगातार मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं. पहले इस्कॉन मंदिर के पुजारी को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. हाईकोर्ट ने भी पुजारी को बेल देने से इनकार कर दिया है. इसके बाद शिबचर में स्थित इस्कॉन सेंटर को बंद भी बंद कर दिया गया है.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू बहुसंख्यक मुसलमानों के निशाने पर हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से अपदस्थ होने के बाद से ही हिंदुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. उनके घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों को तोड़ा-फोड़ा जा रहा है, उसमें आग लगाई जा रही है. साथ ही साथ हिंदुओं से जुड़े मंदिरों समेत अन्य प्रतीकों पर भी लगातार हमला हो रहा है. हिंदुओं की बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है. उनके घर में घुसकर लाठी-डंडों और हथियारों से मारा जा रहा है. पिछले 3 महीने के दौरान बांग्लादेश में कई हिंदुओं की हिंसा में जान जा चुकी है.
बांग्लादेश के शिबचर स्थित एक इस्कॉन सेंटर को जबरन बंद करा दिया गया है. यह कथित घटनाक्रम बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस्कॉन भक्तों को सेना के जवान एक वाहन में ले गए. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने इस संदर्भ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'शिबचर बांग्लादेश में इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुसलमानों ने जबरन बंद कर दिया. सेना आई और इस्कॉन भक्तों को एक वाहन में ले गई.'
इन सब पर बांग्लादेश की कार्यवाहक यूनुस सरकार चुप बैठी हुई है. एक तरह से उपद्रवियों को हिंदुओं पर हमले करने की खुली छूट दे दी गई है. हिंदुओं पर हो रहे ताजा हमले इस बात के गवाह हैं. पुलिस-प्रशासन और सेना से भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हिंदुओं पर हमले करवाए जा रहे हैं। उन्हें मारा-पीटा और प्रताड़ित किया जा रहा है. अपने ऊपर हो रहे हमले के खिलाफ आवाज उठाने पर भी उनपर और अधिक जुल्म किया जा रहा है. हिंदू नेता स्वामी चिन्मयदास की गिरफ्तारी, उनको जेल भेजा जाना और जमानत नहीं देना. हिंदुओं का हौसला तोड़ने और उनकी आवाज दबाने का ताजा प्रयास है.
बांग्लादेश में हिंदुओं को पाकिस्तान से ज्यादा प्रताड़ना
बांग्लादेश के हिंदुओं की प्रताड़ना का स्तर अब पाकिस्तान से भी कई गुना ज्यादा हो गया है. पाकिस्तान की तर्ज पर हिंदू लड़कियों और बच्चियों को घर से उठाया जा रहा है, उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है और उनकी इज्जत लूटी जा रही है. मगर इन सब अपराधों पर यूनुस सरकार ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है.
पाकिस्तान से मिल रही सह
जिस तरह से हिंदुओं पर बांग्लादेश में हमले हो रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि पाकिस्तान से भी यूनुस सरकार को सह मिल रही है. इसीलिए उपद्रवियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उल्टे प्रताड़ित हिंदुओं को ही जेल भेजा जा रहा है. मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने के दौरान भी पाकिस्तान से दोस्ती गहरी करने को कहा था. ऐसे में आशंका है कि हिंदुओं को पाकिस्तान के इशारे पर प्रताड़ित किया जा रहा है. जो बाइडेन की सरकार भी चुप्पी साधे है. इसलिए ऐसे हमों में वृद्धि हो रही है.
भारत के साथ अमेरिकी सांसदों ने भी उठाई आवाज
बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर पूरी दुनिया चुप है. अकेले भारत ने यूनुस सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. हालांकि इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. अब कुछ भारतीय अमेरिकी सांसदों ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा करते हुए कई हिंदू अमेरिकी समूहों ने मांग की है कि दक्षिण एशियाई देश के लिए अमेरिकी सहायता इस शर्त पर निर्भर होनी चाहिए कि वहां की सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिए ठोस कार्रवाई करे. बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू देश की 17 करोड़ की आबादी का केवल आठ प्रतिशत हैं. उन पर हमले हो रहे हैं. इसलिए बांग्लादेश पर जरूरी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.