'यह दो देशों का मामला, रूस इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा', ग्रीनलैंड पर ट्रंप के दावे को लेकर पुतिन ने दिया बड़ा बयान
राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रपति ट्रंप की ग्रीनलैंड पर कब्जा करने और उसे अमेरिकी क्षेत्र बनाने की योजना पर कोई आपत्ति नहीं जताई. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आर्कटिक क्षेत्र में भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है. पुतिन ने ग्रीनलैंड को उसके हाल पर छोड़ दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने मरमंस्क में रूस के आर्कटिक फोरम में कहा कि जहां तक ग्रीनलैंड का सवाल है, यह दो खास देशों अमेरिका और डेनमार्क का मामला है. इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि रूस ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की ट्रंप की योजना में हस्तक्षेप नहीं करेगा.

आर्कटिक क्षेत्र गर्म हो रहा है, न केवल जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से, बल्कि भू-राजनीति के नजरिए से भी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड और कनाडा को अपने में मिलाने के लिए दबाव डाल रहे हैं, ऐसे में रूस भी पीछे नहीं रहने वाला है. राष्ट्रपति पुतिन ने आज आर्कटिक सर्कल के उत्तर में सबसे बड़े शहर मरमंस्क का दौरा किया, जहां उन्होंने 'आर्कटिक क्षेत्र में रूस के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने' का संकल्प लिया.
ग्रीनलैंड पर कोई आपत्ति नहीं
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कोई मरमंस्क पर कोई दावा नहीं किया, न ही विस्तारवाद की कोई बात कही. आश्चर्य की बात यह रही कि राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्रपति ट्रंप की ग्रीनलैंड पर कब्जा करने और उसे अमेरिकी क्षेत्र बनाने की योजना पर कोई आपत्ति नहीं जताई. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आर्कटिक क्षेत्र में भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है. पुतिन ने ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की डोनाल्ड ट्रंप की योजना को इसका एक ताजा उदाहरण बताया है.
अमेरिकी विदेश नीति में महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ग्रीनलैंड के संबंध में अमेरिका की योजनाए गंभीर हैं. इन योजनाओं की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं और यह स्पष्ट है कि अमेरिका आर्कटिक क्षेत्र में अपने भू-रणनीतिक, सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक हितों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाना जारी रखेगा.
पुतिन का ट्रंप को समर्थन?
लेकिन ट्रंप के विस्तारवादी एजेंडे की आलोचना या निंदा करने के बजाय पुतिन ने ग्रीनलैंड को उसके हाल पर छोड़ दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने मरमंस्क में रूस के आर्कटिक फोरम में कहा कि जहां तक ग्रीनलैंड का सवाल है, यह दो खास देशों अमेरिका और डेनमार्क का मामला है. इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि रूस ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की ट्रंप की योजना में हस्तक्षेप नहीं करेगा. ट्रंप के विस्तारवादी एजेंडे की निंदा करने के बजाय पुतिन ने ग्रीनलैंड को उसके हाल पर छोड़ दिया.
ग्रीनलैंड मामले से मॉस्को को पूरी तरह अलग करने वाले पुतिन के बयान ने वैश्विक स्तर पर लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं. भू-राजनीतिक और सैन्य एक्सपर्ट इसे मॉस्को द्वारा वाशिंगटन को अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की हरी झंडी के रूप में देख रहे हैं. पुतिन के बयान का समय भी दिलचस्प है क्योंकि क्रेमलिन और व्हाइट हाउस घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहे हैं.
ट्रंप के आने के बाद मुश्किल में यूक्रेन
इस साल जनवरी में सत्ता में वापस आने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप ने भी मॉस्को के प्रति वाशिंगटन के दृष्टिकोण और रुख को पूरी तरह से बदल दिया है, जिससे यूरोप, खास तौर पर यूक्रेन मुश्किल में पड़ गया है. यूरोप भर के नेता चिंतित और चिंतित होकर अक्सर फ्रांस में इकट्ठा हो रहे हैं और वाशिंगटन के विकल्प की तलाश में बेचैन हैं.
ग्रीनलैंड पर 'कब्जा' करने की अमेरिका की मंशा पर पुतिन के रुख का यूक्रेन पर भी असर पड़ सकता है, जहां रूस ने यूक्रेनी क्षेत्र के बड़े हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, जिसे वापस करने की मास्को की कोई योजना नहीं है.
मास्को और वाशिंगटन दुश्मन से बने दोस्त
एक दूसरे की आलोचना करना तो दूर जो इस वर्ष जनवरी तक आम बात थी, रूस और अमेरिका अब एक दूसरे के प्रति नरम रुख अपना रहे हैं, कभी-कभी तो कुछ मामलों पर सहमत भी हो जाते हैं - जैसे राष्ट्रपति जेलेंस्की का व्यवहार, जिसकी ट्रंप और उनके डिप्टी जेडी वेंस ने व्हाइट हाउस में सार्वजनिक रूप से हुई झड़प के बाद से कड़ी आलोचना की है. रूसी नेता अमेरिकी नेतृत्व की भावनाओं को दोहरा रहे हैं.
राष्ट्रपति पुतिन की आज आर्कटिक यात्रा के साथ, मास्को इस विचार को बढ़ावा दे रहा है कि रूस और अमेरिका इस क्षेत्र में सहयोग कर सकते हैं, जो खनिज और प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ दुर्लभ मृदा सामग्रियों से भी समृद्ध है.
अमेरिका के साथ निवेश को तैयार रूस!
विदेशी निवेश और आर्थिक सहयोग के लिए राष्ट्रपति पुतिन के विशेष दूत किरिल दिमित्रिएव ने आज कहा कि हम रूसी सरकार द्वारा कुछ क्षेत्रों में अमेरिका के साथ मिलकर निवेश पर विचार करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम आर्कटिक में निवेश सहयोग के लिए तैयार हैं. यह लॉजिस्टिक्स या रूस और अमेरिका के लिए लाभकारी अन्य क्षेत्रों में हो सकता है.उन्होंने आगे कहा कि ऐसे सौदे होने से पहले यूक्रेन में युद्ध समाप्त होना चाहिए. दिमित्रिएव ने कहा कि हमारे बीच अब बहुत अच्छी बातचीत हो रही है और मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अमेरिका रूस की स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा है."
ग्रीनलैंड को आया गुस्सा
इस बीच, ग्रीनलैंड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह बिक्री के लिए नहीं है. डेनमार्क ने भी वाशिंगटन के प्रस्ताव और उसके बाद ग्रीनलैंड को खरीदने के दबाव को खारिज कर दिया है, जो डेनमार्क साम्राज्य के तहत एक स्वायत्त क्षेत्र है. अमेरिका की दबाव की रणनीति को खारिज करते हुए आर्कटिक द्वीप में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जो कथित तौर पर ग्रीनलैंड के इतिहास में सबसे बड़ा है, क्योंकि डेनमार्क के क्षेत्र में अमेरिका विरोधी भावनाएं व्याप्त हो गई हैं.
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने कहा कि हाल तक हम अमेरिकियों पर भरोसा कर सकते थे, जो हमारे सहयोगी और मित्र थे, और जिनके साथ मिलकर काम करना हमें अच्छा लगता था, लेकिन वह समय बीत चुका है.