'अमेरिका के लिए कर रहे हैं ये काम', पाक के रक्षा मंत्री ने स्वीकारी आतंकवादियों को समर्थन और ट्रेनिंग देने की बात
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी, जिसे अमेरिका ने एबटाबाद में एक विशेष अभियान के माध्यम से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करके मार गिराया था. भारत लगातार पाकिस्तान के उन आतंकवादी और कट्टरपंथियों को उजागर करता रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

पहलगाम में हुए आतंकी हमलों में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते संबंधों के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने बेशर्मी से यह स्वीकार किया कि उनका देश 'पिछले तीन दशकों' से आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण दे रहा है, लेकिन उन्होंने इसका दोष अमेरिका और पश्चिमी देशों पर मढ़ा. यह भारत के उस दावे को और मजबूत करता है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है.
ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान को बेनकाब किया
ख्वाजा आसिफ कहते हैं कि वह एक गलती थी और हमें उसका खामियाजा भुगतना पड़ा और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर हम सोवियत यूनियन के खिलाफ लड़ाई में शामिल न हुए होते और बाद में 9/11 हमले के बाद के युद्ध में न गए होते, तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेदाग होता." उन्होंने माना कि भारत के साथ 'पूरी तरह युद्ध' की संभावना है. उल्लेखनीय है कि उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बहुत खराब हो गए हैं, जिसमें नई दिल्ली ने पाकिस्तान पर पहलगाम हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान का पुराना रिकॉर्ड
यह ध्यान देने योग्य बात है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी, जिसे अमेरिका ने एबटाबाद में एक विशेष अभियान के माध्यम से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करके मार गिराया था. भारत लगातार पाकिस्तान के उन आतंकवादी और कट्टरपंथियों को उजागर करता रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. नई दिल्ली ने वैश्विक समुदाय से संपर्क कर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को भारत के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करने को उजागर करने का प्रयास किया है.
भारत ने दृढ़ता से कार्य किया
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला ताजा उदाहरण है जब पाकिस्तान की आतंकवादियों के साथ मिलीभगत का दावा किया जा रहा है. भारत ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाए हैं. इनमें पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, तथा पहलगाम हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को रोकना शामिल है.
पीएम मोदी ने दिया सख्त संदेश
पहलगाम हमलों के बाद अपने पहले सार्वजनिक वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "भारत प्रत्येक आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें दंडित करेगा. हम उन्हें धरती के अंत तक खदेड़ देंगे."


