डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से 1000 बांग्लादेशियों की नौकरी पर खतरा, सरकार परेशान
US-Bangladesh: अमेरिका की ट्रंप प्रशासन हमेशा से अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति पर जोर देता रहा है, जिसमें विदेशी सहायता में कटौती एक महत्वपूर्ण बिंदु है.

US Stopped Economic Aid To Bangladesh: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने एक नई समस्या आ गई है. अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश को दी जाने वाली आर्थिक सहायता रोक दी है, जिससे वहां कई विकास परियोजनाएं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा चल रही योजनाओं पर असर पड़ा है. इसका सीधा असर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी दर पर पड़ा है.
अमेरिका ने मदद क्यों रोकी?
अमेरिका ने अचानक बांग्लादेश की आर्थिक सहायता क्यों रोक दी, यह सवाल अहम है. इसके कई कारण हो सकते हैं. सबसे पहला कारण बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को लेकर अमेरिका की चिंता है. चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी अमेरिका के लिए परेशानी का कारण बन रही थी. इसके अलावा, बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी अमेरिका सतर्क था. वह नहीं चाहता कि बांग्लादेश पूरी तरह से चीन के प्रभाव में चला जाए.
ट्रंप प्रशासन की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति
ट्रंप प्रशासन हमेशा अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर जोर देता रहा है, जिसमें विदेशी सहायता में कटौती एक बड़ा कदम है. इस नीति के तहत, अमेरिका ने बांग्लादेश में चल रही कुछ परियोजनाओं में भ्रष्टाचार और धन के दुरुपयोग की शिकायतें मिलने पर वित्तीय मदद को रोकने का फैसला लिया.
बांग्लादेश पर प्रभाव: बेरोजगारी और आर्थिक संकट
अमेरिकी सहायता रुकने का सबसे बड़ा असर बांग्लादेश के युवाओं और सरकारी संस्थाओं पर पड़ा है. इंटरनेशनल सेंटर फॉर डायरियल डिजीज रिसर्च (ICDDR, B) ने अपने 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह संस्था अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से वित्तीय मदद प्राप्त करती थी, लेकिन अब फंडिंग रुकने से इसे कर्मचारियों को हटाना पड़ा.
NGOs के लिए मुश्किलें
बांग्लादेश में 60 से ज्यादा गैर-सरकारी संगठन (NGOs) अमेरिकी वित्तीय सहायता पर निर्भर थे. अब उनके सामने गंभीर वित्तीय संकट खड़ा हो गया है, जिससे लाखों लोगों को अपनी नौकरी खोने का खतरा है. अमेरिकी फंडिंग के अलावा, अन्य पश्चिमी देशों की कंपनियां भी बांग्लादेश में अपने निवेश पर पुनर्विचार कर रही हैं. इसका असर आने वाले समय में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर और अधिक पड़ सकता है.