रूस की सेना में 12 भारतीय मारे गए, 16 अभी भी लापता: भारत सरकार
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा है कि रूसी सेना में कम से कम 18 भारतीय मौजूद थे और उनमें से 16 को रूस ने 'लापता' घोषित कर दिया है.

केरल के एक व्यक्ति की कोविड-19 से जंग लड़ते हुए मौत हो गई. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा है कि वह उनके शव को भारत वापस लाने की कोशिश कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हमने परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और दूतावास शव को वापस लाने के लिए काम कर रहा है."
उन्होंने यह भी बताया कि अन्य घायलों का इलाज किया जा रहा है. प्रवक्ता ने कहा, "हमारी जानकारी के अनुसार, 18 भारतीय अभी भी रूसी सेना में हैं, जिनमें से 16 लापता हैं. 126 मामलों में से 96 भारतीय वापस आ चुके हैं, 12 की मौत हो गई है, और 18 (जिनमें 16 लापता हैं) अभी भी सेवा में हैं."
केंद्र सरकार ने पुष्टि की
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के बारे में पूछे जाने पर, प्रवक्ता ने कहा, "हम भारत-रूस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेंगे, तारीखें जल्द ही तय की जाएंगी."
केरल के व्यक्ति के बारे में जानकारी:
केरल के त्रिशूर जिले के 31 वर्षीय बिनिल बाबू अपने रिश्तेदार के साथ नौकरी की तलाश में रूस गए थे. लेकिन, उन्हें यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष में शामिल किया गया और युद्ध में उनकी जान चली गई. उनके रिश्तेदार घायल हो गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. बिनिल बाबू त्रिशूर के कुट्टानेल्लूर के निवासी थे. उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और पांच महीने का बेटा है. परिवार के एक सदस्य, सनीश ने बताया कि भारतीय दूतावास ने सोमवार को बिनिल की मौत की पुष्टि की है.
रूस-यूक्रेन युद्ध में 12 भारतीय सैनिकों की मौत
सनीश ने कहा, "हमें दूतावास से बिनिल की मौत के बारे में जानकारी मिली, लेकिन हमें यह नहीं पता कि उनकी मौत कब और कैसे हुई. हम शव के बारे में अधिक जानकारी का इंतजार कर रहे हैं और उसे घर वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं."
यूक्रेन युद्ध में भारतीय नागरिकों की मौत
इसके बाद, मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने रूस में कार्यरत भारतीय नागरिकों की स्थिति को लेकर चिंता जताई. मंत्रालय ने कहा कि रूस में भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई और वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. मंत्रालय ने यह मुद्दा रूस के अधिकारियों और नई दिल्ली में रूसी दूतावास के समक्ष भी उठाया है.


