Sheikh Hasina: बांग्लादेश में हाल ही में हुए छात्रों के प्रदर्शन और हिंसा ने पूर्व पीएम शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फैंकने का काम किया. जिसके बाद हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर भारत की शरण लेने पड़ी. ऐसे में शेख हसीना ने भारत में लगभग 3 हफ्ते बीता लिए हैं. इस बीच अब पूर्व पीएम के अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने से उनके भारत में रहने की संभावना कम हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के गृह मंत्रालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग ने यह घोषणा की है कि शेख हसीना, उनके सलाहकारों, पूर्व कैबिनेट सदस्यों और हाल ही में भंग की गई 12वीं जातीय संसद के सभी सदस्यों और उनके जीवन साथियों का राजनयिक पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा.
दरअसल, यह कदम अगस्त में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा संसद को भंग करने के बाद उठाया गया है, जिसके कुछ ही समय बाद 76 वर्षीय हसीना को इस्तीफा देने और देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इन पासपोर्टों को रद्द करने का प्रावधान उन राजनयिक अधिकारियों पर भी लागू होगा जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, तथा कम से कम दो जांच एजेंसियों की मंजूरी के बाद ही साधारण पासपोर्ट जारी किए जाने की संभावना है.
इस बीच द डेली स्टार समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि शेख हसीना के पास अब रद्द कर दिए गए राजनयिक पासपोर्ट के अलावा कोई अन्य पासपोर्ट नहीं है. वहीं भारतीय वीज़ा नीति के तहत, राजनयिक या आधिकारिक पासपोर्ट रखने वाले बांग्लादेशी नागरिक वीज़ा-मुक्त प्रवेश के लिए मान्य हैं और देश में 45 दिनों तक रह सकते हैं.
शनिवार तक, हसीना ने भारत में 20 दिन बिता लिए हैं, और उनके कानूनी प्रवास की समयसीमा खत्म होने वाली है. ऐसे में उनके राजनयिक पासपोर्ट और उससे संबंधित वीजा विशेषाधिकारों को रद्द करने से उन्हें बांग्लादेश प्रत्यर्पित किये जाने का खतरा हो सकता है, जहां हसीना के खिलाफ 51 मामले दर्ज हैं, जिनमें 42 मामले हत्या के हैं.
हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश और भारत के बीच 2013 की प्रत्यर्पण संधि के कानूनी ढांचे के अंतर्गत आएगा, जिसे 2016 में संशोधित किया गया था. हालांकि संधि में आरोप राजनीतिक प्रकृति के होने पर प्रत्यर्पण से इनकार करने की अनुमति दी गई है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से हत्या जैसे अपराधों को राजनीतिक मानने से बाहर रखता है.
First Updated : Saturday, 24 August 2024