असीम मुनीर के बयान से गई 28 जानें? पहलगाम में 28 पर्यटकों की मौत से उठा सवाल
पाक सेना प्रमुख असीम मुनिर ने कश्मीर को 'जिंदगी की नस' बताया था. उनके बयान के 7 दिन बाद पहलगाम में आतंकियों ने हमला कर 28 पर्यटकों की हत्या कर दी. हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है. यह हमला पहले से सोच-समझकर किया गया लगता है.

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनिर के ‘जुगुलर वेन’ वाले बयान के ठीक सात दिन बाद जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुखौटा संगठन माना जाता है.
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो इस हमले को अंजाम देने वाले छह आतंकी थे, जिन्हें स्थानीय मदद भी मिली थी. हालांकि अभी जांच एजेंसियों ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन जनरल मुनिर के भड़काऊ बयान को इस आतंकी हमले का संभावित कारण माना जा रहा है.
'जुगुलर वेन' बयान ने बढ़ाया तनाव
16 अप्रैल को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनिर ने कश्मीर को पाकिस्तान की "जुगुलर वेन" (जिंदगी की नस) बताते हुए कहा था, 'यह हमारी जुगुलर वेन थी, है और रहेगी. हम इसे कभी नहीं भूलेंगे. हम अपने कश्मीरी भाइयों को भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके वीरसंघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे.' उनके इस बयान को भारत विरोधी कट्टरपंथी ताकतों के लिए एक 'डॉग व्हिसल' यानी संकेत माना जा रहा है.
पहलगाम में TRF का खूनी हमला
जनरल मुनिर के बयान के सात दिन बाद 22 अप्रैल को आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम इलाके में पर्यटकों पर हमला कर दिया. इस हमले में 28 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. TRF यानी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि TRF सीधे तौर पर LeT यानी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ संगठन है.
हमले की साजिश रचने वाले आतंकी कौन?
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर के टॉप कमांडर सैफुल्ला कसूरी उर्फ खालिद को इस हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. इसके अलावा दो और आतंकी — रावलकोट से अबू मूसा और उसका एक सहयोगी भी जांच के घेरे में हैं.
रावलकोट से आतंकी भाषण की धमकी
18 अप्रैल को अबू मूसा ने रावलकोट में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा,
"जिहाद जारी रहेगा, बंदूकें गरजेंगी और कश्मीर में सिर काटे जाते रहेंगे. भारत कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदलना चाहता है, इसलिए बाहरी लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दे रहा है." इस बयान ने आतंकी मंशा को और साफ कर दिया है कि वे घाटी में खून-खराबा फैलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
'कैलकुलेटेड प्रोवोकेशन' था?
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख के हालिया बयान और उसके ठीक एक सप्ताह बाद हुए इस आतंकी हमले के बीच कोई न कोई संबंध जरूर है. इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या यह हमला एक 'कैलकुलेटेड प्रोवोकेशन' यानी जानबूझकर किया गया उकसावा था, ताकि कश्मीर में हालात बिगड़ें और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को घेरा जा सके.
भारत की जवाबी रणनीति क्या होगी?
अब सवाल यह भी है कि भारत सरकार और सुरक्षाबल इस गंभीर हमले और पाकिस्तान की तरफ से आ रहे भड़काऊ बयानों का क्या जवाब देंगे. घाटी में सुरक्षा और खुफिया तंत्र को और मजबूत करने की कवायद तेज हो चुकी है, और आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन्स चलाए जा रहे हैं.


