युद्ध, बुद्ध और शांति के बीच हुए 4 समझौते, भारत-यूक्रेन इन मुद्दों पर साथ करेंगे काम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की के बीच कई अहम मुद्दों पर वार्ता के बाद भारत और यूक्रेन ने चार बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और यूक्रेन के बीच हुआ यह समझौता बेहद खास है. वार्ता से पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी का कीव में अपने आधिकारिक निवास मरिंस्की पैलेस में शानदार स्वागत किया. दोनों नेताओं में काफी देर तक चली वार्ता के बाद चार बड़े समझौतों पर मुहर लगाई गई.
PM Modi in Ukraine: देश के प्रधानमंत्री इन दिनों युक्रेन यात्रा पर है. ऐसे तो पीएम मोदी (PM Narendra Modi) विदेश यात्रा पर जाते रहते हैं. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन इस बार युक्रेन यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पीएम मोदी की इस यात्रा पर पुरी दुनिया की नजर टिकी हुई है. इस बीच पीएम मोदी पोलैंड से सीधे ट्रेन के जरिए शुक्रवार सुबह कीव पहुंचे थे. कीव पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने इस बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) से मुलाकात की.इस दौरान कई मुद्दों पर बात भी हुई है. तो आइए जानते हैं पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की के बीच क्या समझौते हुए हैं.
इस मुलाकात में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत शांति स्थापित करने में सक्रिय भूमिका निभाएगा. भारत और यूक्रेन के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. दोनों देश एग्रीकल्चर और फूड इंडस्ट्री के क्षेत्र में सहयोग पर, मेडिकल प्रोडक्ट्स रेगुलेशन के क्षेत्र में सहयोग पर, हाई इम्पैक्ट कम्युनिटी डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट्स के कार्यान्वयन के लिए भारतीय मानवीय अनुदान सहायता पर और 2024-2028 के लिए सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम के लिए सहमत हुए हैं.
पीएम मोदी ने कही ये बात
बता दें कि जेलेंस्की से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'युद्ध की विभीषिका से दुख होता है. युद्ध बच्चों के लिए विनाशकारी है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और यूक्रेन के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. साथ ही उन्होंने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान नहीं होता है. बातचीत और कूटनीति से समस्या हल होती है. दोनों पक्ष आपस में बातचीत शुरू करें. बिना समय गंवाए रूस-यूक्रेन बात करें. शांति के प्रयास में भारत सक्रिय भूमिका निभाएगा.' पीएम मोदी ने कहा कि युद्ध में भारत का रुख कभी भी न्यूट्रल नहीं था बल्कि वह हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है.
अगले पांच सालों तक लागू रहेगा समझौता
मिली जानकारी के मुताबिक इस समझौते के तहत गठित कार्य समूह के बीच कम से कम हर दो साल में बारी-बारी से भारत गणराज्य और यूक्रेन में बैठकें होंगी. यह समझौता अब से अगले पांच वर्षों की अवधि के लिए लागू रहेगा, जिसे बाद में पांच वर्षों की अवधि के लिए स्वचालित रूप से बढ़ाया जाएगा.