Israel vs Iran: इजरायल पुलिस और शिन बेट ने सोमवार को बताया कि सात इजरायली नागरिकों को ईरान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इन नागरिकों पर गंभीर आरोप है कि उन्होंने इजरायल के संवेदनशील सैन्य ठिकानों और बुनियादी ढांचे से संबंधित खुफिया जानकारी को ईरान तक पहुंचाया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हुआ.
इन नागरिकों पर आरोप है कि उन्हें सैकड़ों हजारों डॉलर का भुगतान किया गया. पुलिस ने जांच के दौरान दर्जनों दस्तावेज भी जब्त किये. इजरायली सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले को देश की सबसे गंभीर सुरक्षा घटनाओं में से एक बताया है.
आरोप है कि, संदिग्धों ने लगभग 600 से अधिक मिशनों को अंजाम दिया. इन मिशनों में रमत डेविड एयरबेस, नेवातिम एयरबेस, गिलोट और गोलानी ब्रिगेड बेस जैसे संवेदनशील सैन्य स्थलों से खुफिया जानकारी इकट्ठा करना शामिल था. गोलानी ब्रिगेड बेस हाल ही में हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले का शिकार हुआ था, जिसमें चार इज़रायली सैनिक मारे गए थे.
गिरफ्तार किए गए सातों संदिग्ध हाइफ़ा और उसके तटीय उपनगरों से आए अज़ेरी मूल के यहूदी हैं. इनमें से कुछ आपस में रिश्तेदार हैं और एक AWOL सैनिक भी है. पुलिस के अनुसार, दो नाबालिग भी इस मामले में शामिल हैं.
पुलिस का कहना है कि इस जासूसी नेटवर्क को दो ईरानी एजेंट, "अलखान" और "ओरखान", निर्देशित कर रहे थे. संदिग्धों को इन एजेंटों द्वारा संवेदनशील सैन्य ठिकानों के नक्शे दिए गए थे, और उन्होंने इजरायली नागरिकों पर भी निगरानी रखी थी. यह भी आरोप है कि उन्हें विभिन्न खुफिया मिशनों के लिए भुगतान किया गया था.
संदिग्धों ने कथित रूप से पूरी तरह से वित्तीय लाभ के लिए यह कार्य किया. उन्हें उनकी गतिविधियों के जोखिम के आधार पर भुगतान किया गया था. यह भी बताया गया है कि भुगतान रूसी मध्यस्थों के माध्यम से हुआ, जिन्होंने इजरायल की यात्रा की थी. पुलिस ने जांच के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि संदिग्धों ने संवेदनशील जानकारी ईरानी एजेंटों को सौंप दी थी.
इजरायल के आंतरिक मंत्री मोशे अर्बेल ने कहा है कि जो लोग ईरान के लिए जासूसी करेंगे, उनकी इजरायली नागरिकता रद्द कर दी जाएगी. यह मामला अन्य जासूसी और आतंकवाद के मामलों की कड़ी में जुड़ गया है, जिसमें इजरायल के भीतर ईरानी खुफिया एजेंसी द्वारा नागरिकों को भर्ती करने की कोशिश की जा रही है. First Updated : Monday, 21 October 2024