सितंबर 2024 में लेबनान में हुए पेज़र धमाकों ने दुनिया को चौंका दिया था, जिसमें कई हिज़्बुल्लाह के आतंकवादी मारे गए और करीब 3,000 लोग घायल हुए थे, जिनमें बच्चे भी शामिल थे. यह धमाका एक खुफिया ऑपरेशन का हिस्सा था, जिसे लेकर अब मोसाद के दो पूर्व सीनियर एजेंट्स ने सनसनीखेज खुलासा किया है. इन पूर्व एजेंट्स ने एक टेलीविज़न शो में इस ऑपरेशन के बारे में बताते हुए कहा, “हिज़्बुल्लाह के खिलाफ हमारी कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि हमसे पंगा मत लो.” उन्होंने इस खुफिया मिशन को बेहद खास और कड़ा कदम बताया, जो मोसाद की ताकत को दिखाता है.
एक एजेंट ने बताया कि यह अभियान 10 साल पहले गोपनीय तरीके से छिपाकर लगाए गए विस्फोटकों से युक्त ‘वॉकी-टॉकी’ के इस्तेमाल के जरिए शुरू किया गया था, जिसके बारे में हिज्बुल्ला को पता नहीं था कि वह अपने दुश्मन इजराइल से खरीद रहा है. ‘वॉकी-टॉकी’ में सितंबर तक विस्फोट नहीं किया गया था, लेकिन बम से भरे पेजर में विस्फोट की घटना के बाद ‘वॉकी-टॉकी’ में भी विस्फोट कर दिया गया. अधिकारी ने कहा, ‘हमने एक काल्पनिक दुनिया की रचना की, जिसका नाम ‘माइकल’ रखा गया.’
बम लगाने के लिए पेजर को बड़ा बनाया
दूसरे अधिकारी ने बताया कि योजना के दूसरे चरण में पेजर का इस्तेमाल किया गया था और इस योजना पर 2022 में काम शुरू हुआ था, जब इजराइल की मोसाद खुफिया एजेंसी को पता चला कि हिज्बुल्ला ताइवान की एक कंपनी से पेजर खरीद रहा है. उन्होंने बताया कि पेजर को थोड़ा बड़ा बनाना पड़ा ताकि अंदर छिपे विस्फोटकों को रखा जा सके. विस्फोटक की सही मात्रा का पता लगाने के लिए कई बार डमी पर उनका परीक्षण किया गया, ताकि सिर्फ हिज्बुल्ला के लड़ाके को ही नुकसान पहुंचे, न कि उसके आसपास मौजूद किसी और को.
मोसाद ने विस्फोटक पेजर्स को कैसे बनाया?
पूर्व एजेंटों ने बताया कि मोसाद अपने पेजर पर ‘गोल्ड अपोलो’ नाम का उपयोग करना चाहता था, जिसके लिए उसने मोसाद के साथ साझेदारी करने के मकसद से ताइवानियों को धोखा देने के लिए “हंगरी में इस इमारत सहित” शेल कंपनियों की स्थापना की. उन्होंने कहा कि ताइवानी कंपनी को ‘बिल्कुल भी पता नहीं’ था कि वे मोसाद के साथ काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, “और हिज्बुल्लाह को भी नहीं.”
मोसाद ने कई ‘रिंग टोन’ का परीक्षण किया ताकि ऐसी रिंगटोन ढूंढी जा सके जो इतनी जरूरी लगे कि कोई व्यक्ति अपनी जेब से पेजर निकाल ले. ‘गैब्रियल’ नामक दूसरे एजेंट ने कहा कि हिज्बुल्ला को भारी पेजर को लेने के लिए राजी करने में दो सप्ताह लग गए. कुछ हद तक इसके लिए यूट्यूब पर गलत विज्ञापनों का उपयोग करके उपकरणों को धूलरोधी, जलरोधी, लंबी बैटरी जीवन प्रदान करने वाले और अन्य के रूप में प्रचारित किया गया.
मोसाद ने ‘गोल्ड अपोलो’ की सेल्सवुमन को भी निकाल दिया, जिसके साथ हिज्बुल्लाह काम करता था. उन्होंने हिज्बुल्लाह को ललचाने के लिए अपग्रेड पेजर्स के पहले बैच को “मुफ्त” में देने की पेशकश की. हिज्बुल्लाह ने सितंबर 2024 तक 5,000 पेजर खरीदे. अब, इज़रायल के पास एक सवाल रह गया था – दोनों बम – वॉकी-टॉकी और पेजर को कब एक्टिव किया जाए. जैसे ही मोसाद को संकेत मिला कि हिज़्बुल्लाह को डिवाइस पर संदेह हो रहा है, मोसाद प्रमुख दादी बार्निया ने विस्फोटकों को विस्फोट करने की इजाजत दे दी.
पेजर के बाद वॉकी-टॉकी में हुआ विस्फोट
इजराइल के 17 सितंबर को ‘पेजर’ युक्त विस्फोटक से हमला किया था, जब पूरे लेबनान में पेजर बीप करने लगे थे और उपकरणों में धमाका हुआ था. अगले दिन मोसाद ने ‘वॉकी-टॉकी’ सक्रिय कर दिए, जिनमें से कुछ पेजर हमलों में मारे गए लगभग 30 लोगों के अंतिम संस्कार के समय फट गए. ग्रैबियल ने कहा कि इसका लक्ष्य हिज्बुल्ला लड़ाकों को मारने से कहीं अधिक एक संदेश भेजना था.
हमसे पंगा मत लो
पूर्व एजेंटों ने कहा कि विस्फोट का उद्देश्य हिज्बुल्लाह आतंकवादियों को मारना नहीं था. पूर्व एजेंटों ने सीबीएस न्यूज को बताया, “हमारा मकसद, यह हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों को मारना नहीं था. यदि वह मरा है, तो वह मर गया. लेकिन अगर वह घायल हो गया है, तो आपको उसे अस्पताल ले जाना होगा, उसकी देखभाल करनी होगी. आपको पैसा और कोशिश करने की जरूरत है. और बिना हाथ और आंखों वाले अब वे लोग लेबनान में घूम रहे हैं, जो इसका जीता जागता सबूत हैं कि ‘हमारे साथ खिलवाड़ मत करो’. वे पूरे मिडिल-ईस्ट में हमारी श्रेष्ठता का सबूत हैं.
दोबार नहीं हो सकता पेजर का इस्तेमाल
पूर्व एजेंटों ने कहा कि मोसाद दोबारा पेजर का इस्तेमाल नहीं कर सकता क्योंकि वह पहले भी एक बार ऐसा कर चुका है. उन्होंने कहा कि इज़रायली जासूसी एजेंसी “अपने अगले प्लान की तरफ आगे बढ़ गई है”. उन्होंने कहा, “और दुश्मनों को यह अनुमान लगाने की कोशिश करते रहना होगा कि अगली चीज़ क्या है.” First Updated : Tuesday, 24 December 2024