अत्याचार और मौत का अड्डा: सीरिया की गुप्त जेल का खुलासा
सीरिया की राजधानी दश्मिक में जश्न का माहौल है. इस बीच सीरिया में एक ऐसी जेल की चर्चा हो रही है, जहां लोगों को यातनाएं दी जाती हैं और मार दिया जाता है. अब वहां बंद कैदियों को छुड़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद दश्मिक में लोगों का जश्न जारी है. लगातार सीरियाई लोगों के जश्न की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. इस बीच सीरिया की सबसे गुप्त जेल सेडयाना की चर्चा हो रही है. इस जेल का निर्माण 1980 के दौरान राजधानी दश्मिक से करीब 30 किमी दूर किया गया. जेल को इस मकसद से बनाया गया कि सरकार के खिलाफ जो भी बोलेगा. उसे इस जेल में डाल दिया जाएगा. लेकिन अब बशर अल-असद के शासन खत्म होने के बाद कैदियों को जेल से छुड़ाने का प्रयास हो रहा है.
आपको बता दें कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद 2000 से सत्ता में हैं. वह चार बार देश के राष्ट्रपति रहे. उन्होंने करीब 24 साल तक देश पर राज किया. इससे पहले उनके पिता हाफिज अल असद ने 29 साल तक सत्ता संभाली थी. वहां की सत्ता में सबसे ताकतवर माने जाने वाले राष्ट्रपति बशर अल-असद को कुर्सी छोड़कर रूस भागना पड़ा. इसके साथ ही असद परिवार का पिछले 50 सालों से चला आ रहा शासन खत्म हो गया. सीरिया अब इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन हयात तहरीर अल शाम या एचटीएस के नियंत्रण में है.
सेडयाना जेल का इतिहास
सेडयाना जेल को 'नरसंहार' गृह भी कहा जाता है. दरअसल, 2011 में सीरिया में शुरू हुए गृह युद्ध के बाद से ही हजारों लोगों को यहां रखा गया है. यातनाएं दी गई. यहां तक कि मार भी दिया गया. अभी तक दक्षिणपंथी संगठनों और अमेरिकी विदेश विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि यह जेल असद परिवार के क्रूर और दमनकारी शासन का प्रतीक थी.
जेल को कौन चलाता था?
शुरूआत में जेल को सीरियाई पुलिस और खुफिया सैन्य विभाग की देखरेख में चलाया गया. इस जेल की शुरुआत सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति और बशर अल-असद के पिता हाफिज अल-असद के कार्यकाल में हुई थी. दक्षिणपंथी संगठनों के मुताबिक, इस जेल में दो मुख्य हिरासत केंद्र हैं. एक को व्हाइट बिल्डिंग और दूसरे को रेड बिल्डिंग कहा जाता है. व्हाइट बिल्डिंग में उन सैन्य अधिकारियों और सैनिकों को रखा गया था जिन्होंने असद परिवार के खिलाफ बगावत की थी. व्हाइट बिल्डिंग को 'L' शेप में बनाया गया है. जबकि रेड बिल्डिंग में उनके शासन के विरोधियों और इस्लामी समूहों के संदिग्ध सदस्य रहते हैं और इसकी संरचना 'V' शेप में है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जेल में करीब 20 हजार लोग रह सकते हैं. पूरी बिल्डिंग को सीसीटीवी कैमरे की कड़ी निगरानी में रखा गया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, जब 2011 में सीरियाई गृहयुद्ध शुरू हुआ, तो व्हाइट बिल्डिंग को उन प्रदर्शनकारियों के लिए खाली करा लिया गया था, जिन्होंने असद शासन के खिलाफ आवाज उठाई थी.
रिपोर्टस के मुताबिक, रेड बिल्डिंग में रहने वाले कैदियों को प्रताड़ित किया गया, पीटा गया, बलात्कार किया गया. कैदियों को खाना और दवा तक नहीं दी गई. कई लोगों को यह नहीं पता कि इस जेल में कैदी जिंदा हैं या मारे गए हैं. यहां वेंटिलेशन की कमी के कारण लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल होता है.
जमीन के अंदर बनी कोठरियों में आज भी कैदी बंद हैं. वे बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि वहां इलेक्ट्रॉनिक दरवाजे हैं जिन्हें खोलने के लिए कोड की जरूरत होती है लेकिन इन कोड के बारे में कोई नहीं जानता.पूर्व सीरियाई सैनिकों से उनके कोड जानने के लिए अपील की जा रही है. जो लोग निकाले गए हैं उनमें से कोई भी चलने में सक्षम नहीं है और कुछ की याददाश्त चली गई है.
30,000 से अधिक कैदी मारे गए
सेडनाया जेल में लापता और हिरासत में लिए गए लोगों के लिए काम करने वाली संस्था ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें महिला कैदियों को जेल से बाहर ले जाते हुए दिखाया गया है. उनमें एक बच्चा भी था जो अपनी मां के साथ कैद था. कैदियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें जेल में यातनाएं दी जाती थीं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, व्हाइट बिल्डिंग में एक फांसी घर भी है जहां रेड बिल्डिंग से लाए गए कैदियों को फांसी दी जाती थी. एक पूर्व गार्ड ने एमनेस्टी इंटरनेशनल को बताया कि जिन कैदियों को फांसी दी जानी है उनकी सूची दोपहर के भोजन के समय आ जाएगी. फिर उन्हें बेसमेंट में ले जाया गया, जहां उन्हें पीटा गया और फिर फांसी पर लटका दिया गया.
दक्षिणपंथी संगठनों के अनुसार, 30,000 से अधिक कैदी यातना, भुखमरी या इलाज की कमी से मर गए या उन्हें फाँसी दे दी गई. 2017 में अमेरिकी विदेश विभाग ने दावा किया कि जेल अधिकारियों ने ऐसी व्यवस्था की थी जिसके माध्यम से शवों को रखा गया था.
परिंदा भी नहीं मार सकता था पर
यह जेल अभेद किले की तरह है. इस जेल के आसपास परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. जेल के 200 सैनिकों, 250 सैन्य खुफिया कर्मियों औरपुलिस द्वारा कड़ी निगरानी में रखा जाता है. इतना ही नहीं सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. कंटीले तारों वाली ऊंची दीवारों से घिरी जेल में जगह-जगह गार्ड टावर भी लगे हैं.