Aditya L1: विश्व के वैज्ञानिकों ने अब तक कितने सूर्य मिशन भेजे, सूर्य के बारे में क्या-क्या पता लगा?
Solar Mission: चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब भारतीय स्पेस एजेंसी सूर्य का अध्ययन करने के लिए दो सितंबर को सौर मिशन आदित्य एल-1 लॉन्च करने जा रही है.
Solar Mission Aditya L1: मिशन चंद्रयान 3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अब सूर्य का अध्ययन के लिए दो सितंबर को सौर मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च करने की घोषणा की है. इसरो ने एक्स पर लिखा है, "आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन होगा. अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में भेजा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक सूर्य का अध्ययन करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर ने अलग-अलग और संयुक्त सूर्य मिशन लॉन्च किए हैं. रिपोर्ट की माने तो नासा ने तीन प्रमुख अतंरिक्ष यान भेजे है. 1. सोहो (सोलर डायनामिक ओब्सर्वेटरी), पार्कर सोलर प्रोब और आइरिस (इंटरफेस रिजन इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ) मिशन भेजे है.
पार्कर सोलर प्रोब मिशन कर रहा सूर्य का अध्ययन
मिशन सोहो नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने संयुक्त रूप से लॉन्च किया था. नासा का पार्कर सोलर प्रोब लगभग चार साल से सूर्य की सतह के सबसे चक्कर लगा रहा है. इसके अलावा आइरिस सूर्य के सतह की तस्वीरें ले रहा है. नासा का पार्कर सोलर प्रोब मिशन अब तक सूर्य के अध्ययन में मील का पत्थर साबित हुआ है. ये सूर्य के करीब पहुंचने वाला अकेला अतंरिक्ष यान है. नासा ने 14 दिसम्बर 2021 को एलान किया था कि पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के ऊपरी वायुमंडल से होकर गुजरा था. इसने वहां आवेशित कणों के नमूने लिए और सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र की जानकारी का पता लगाया.
सूर्य सबसे बड़ा चमकता तारा
नासा की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, सूर्य हमारे सौर मंडल के केंद्र में स्थित हाइड्रोजन और हीलियम से युक्त एक चमकता तारा है. जो हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा तारा है. सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल ही पूरे सौर मंडल को अपनी अपनी कक्षा में बनाए रखने में मदद करता है. इसकी उम्र लगभग 4.5 अरब वर्ष है. सूर्य पृथ्वी की सतह से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर है.