चुनावी राजनीति में पैसों का खेल नया नहीं है, पूरी दुनिया में ये होता रहा हैं. अमेरिका में भी कई सालों से ऐसा होता आया है, लेकिन इस बार जो हुआ, वो अमेरिका ही नहीं, बल्कि हर किसी के लिए नया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने चुनाव के दौरान ट्रंप का समर्थन किया. लेकिन, चुनाव में ट्रंप के जीत जाने के बाद भी, एलन मस्क खुद को काफी ताकतवर समझते हुए ज्ञान बांटते हुए नजर आ रहे हैं.
एलन मस्क की मुखरता के पीछे दो मुख्य कारण हैं. पहला, ट्रंप और मस्क की दोस्ती, दोनों ही बड़े बिजनेसमैन हैं और मस्क ने ट्रंप के अभियान में 2,142.5 करोड़ रुपये खर्च किए थे. दूसरा, मस्क ने ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अपनी ताकत का पूरा फायदा उठाना शुरू किया है. हालांकि, उनका यह आक्रामक रवैया अब अन्य देशों और नेताओं को खलने लगा है.
हाल ही में एलन मस्क ने यूरोपीय देशों के नेताओं पर कड़ी टिप्पणियां की. जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोज को "मूर्ख" कहकर उन्हें इस्तीफा देने की नसीहत दी थी. इसके बाद, नॉर्वे, ब्रिटेन और फ्रांस के नेताओं ने मस्क से जुबानी जंग छेड़ दी. ये सब कुछ इस बात का इशारा करता है कि मस्क का आक्रामक रुख अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी समस्या बन चुका है.
एलन मस्क ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर भी खुलकर हमला किया. जब जो बाइडन ने सोरोस को सर्वोच्च नागरिकता सम्मान दिया, तो मस्क ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. मस्क ने कहा कि सोरोस का बुरा सपना ही अमेरिका और यूरोप को नष्ट कर रहा है. सोरोस वही हैं जो गाहे बगाहे भारत और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते रहते हैं.
First Updated : Wednesday, 08 January 2025