वॉशिंगटन/ढाका: जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी तय होती दिख रही है, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। बाइडन प्रशासन, जो अब तक यूनुस का खुलकर समर्थन कर रहा था, ने अब दूरी बनानी शुरू कर दी है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के प्रति अमेरिका की चुप्पी के बाद, अब इस मसले पर पहली बार बड़ा बयान सामने आया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर बयान दिया।
मिलर ने कहा कि अमेरिका बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान चाहता है और किसी भी हमले के लिए जिम्मेदारों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने बांग्लादेशी अधिकारियों से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि वे चाहते हैं कि वहां धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखा जाए। मिलर ने यह भी कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का यह मसला केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दुनिया के हर देश पर लागू होता है।
ट्रंप ने हिंदुओं पर हमलों की की थी निंदा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर ट्रंप पहले ही गंभीर बयान दे चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने दिवाली के अवसर पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की थी। ट्रंप ने इस मामले को लेकर बाइडन प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाए और कहा कि बाइडन के कार्यकाल में धार्मिक अल्पसंख्यकों को अनदेखा किया जा रहा है। ट्रंप अमेरिका के पहले बड़े नेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर सीधा बयान दिया।
बाइडन प्रशासन पर ट्रंप के आरोप
प ने अपने एक बयान में कहा था, "मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे बर्बर हमलों की निंदा करता हूं।" उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडन और कमला हैरिस ने दुनिया भर में हिंदुओं के हालात की अनदेखी की है और हिंदू अमेरिकियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके रहते हुए हिंदू समुदाय के साथ ऐसा नहीं होता।
भारत की प्रतिक्रिया और बांग्लादेश सरकार से अपील
ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को दिल्ली में कहा कि भारत बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उग्रवादी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील करता है। हाल ही में चटगांव में हिंदू समुदाय पर हुए हमलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं समुदाय में तनाव उत्पन्न करती हैं।
धार्मिक स्वतंत्रता पर नए सिरे से चर्चा होने की संभावना
डोनाल्ड ट्रंप की संभावित वापसी के साथ अमेरिका के दृष्टिकोण में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, जबकि बाइडन प्रशासन का रवैया अब तक मूक ही रहा है। अमेरिका और भारत का बांग्लादेश सरकार पर दबाव बढ़ाने से वहां की धार्मिक स्वतंत्रता पर नए सिरे से चर्चा होने की संभावना है। First Updated : Saturday, 09 November 2024