अमेरिकाः कैलिफोर्निया असेंबली में 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार की मान्यता देने वाला प्रस्ताव पारित
सयुंक्त राज्य अमेरिका की कैलिफोर्निया विधानसभा में 1984 सिख विरोधी हिंसा को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया था। प्रस्ताव के तहत भारत में 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार की मान्यता देने का अनुरोध किया गया था।
हाइलाइट
- कैलिफोर्निया विधानसभा में सिख विरोधी दंगों को लेकर प्रस्ताव पास किया है
कैलिफोर्निया स्टेट विधानसभा में सिख विरोधी दंगों को लेकर एक प्रस्ताव पास किया है। जिसमें अमेरिकी कांग्रेस द्वारा भारत में 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार के तौर पर मान्यता देने का आग्रह किया गया। साथ ही अमेरिकी कांग्रेस ने इस हिंसा की कड़ी निंदा करने का भी अनुरोध किया।
सोमवार को कैलिफोर्निया विधानसभा में सिख विरोधी दंगों को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका में सिख समुदाय के लोग अभी तक हिंसा के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दर्द से उबर नहीं पाए है। अमेरिकी कांग्रेस ने साल 1984 के सिख विरोधी दंगों को औपचारिक रूप से पहचाने और निंदा करने का अनुरोध किया। साथ ही इस हिंसा को एक नरसंहार बताया है।
न्यूजर्सी की सीनेट ने भी प्रस्ताव पारित किया था
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के न्यूजर्सी की सीनेट ने पिछले साल जनवरी में 1984 सिख विरोधी हिंसा से जुड़ा एक प्रस्ताव पेश गया था। जिसे विधानसभा सदस्य जसमीत कौर बैंस ने 22 मार्च को पेश किया था। इसके बाद इस प्रस्ताव को कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। आपको बता दें कि जसमीत कौर बैंस कैलिफोर्निया विधानसभा के पहले निर्वाचित सिख सदस्य हैं। इस प्रस्ताव को विधानसभा सदस्य कार्लोस विलापुदुआ के साथ मिलकर लाया गया था।
बता दें कि विधानसभा में हिंदू समुदाय के सदस्य में से सिफ एक सदस्य ऐश कालरा ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है। इस प्रस्ताव में राजधानी दिल्ली में एक विधवा कॉलोनी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यहां अभी भी सिख महिलाओं को रखा गया है, जिनके साथ मारपीट की गई और बलात्कार किया गया है। उन्हें मारने की धमकी भी दी गई थी और वो अभी भी न्याय की गुहार लगा रही हैं।
पहले भी लाया गया था प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष प्रितपाल सिंह ने कहा कि इससे पहले साल 2015 में भी कैलिफोर्निया विधानसभा में सिख विरोधी दंगों को नरसंहार करार देने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया था।