America: कांग्रेस के 'फ्रीज़्ड बैंक खाते' पर अमेरिका ने जताई आपत्ति, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दे चुका है बयान
America: भारत द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ टिप्पणी के लिए एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किए जाने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले उनके बैंक खाते फ्रीज करने के कांग्रेस पार्टी के आरोपों पर अमेरिका ने कड़ा रुख अपनाया है.

America: भारत के मामलों में अक्सर अमेरिका की टिप्पणियां सामने आती रहती हैं, जिसपर कई बार भारत ने इनपर नाराजगी भी जताई हैं. मगर अमेकिका को शायद भारत के मामलों में दखल देना अच्छा लगता है. पहले CAA उसके बाद केजरीवाल और अब कांग्रेस के फ्रीज खातों को लेकर अमेरिका का बयान सामने आया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हम इनमें से हर मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं."
कांग्रेस के फ्रीज खातों पर अमेरिका की टिप्पणी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर वाशिंगटन की टिप्पणी के खिलाफ भारत ने बुधवार को एक सीनियर अमेरिकी राजनयिक को तलब किया था. अब अमेरिका ने लोकसभा चुनाव से पहले एक कर विवाद में कर अधिकारियों द्वारा उसके बैंक खाते फ्रीज करने के कांग्रेस पार्टी के आरोपों पर चुटकी ली है. अमेरिका अब कांग्रेस के 'बैंक खाते फ्रीज' के आरोपों पर विचार कर रहा है.
अमेरिका ने कहा कि ''हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि कर अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है कि आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना मुश्किल हो जाएगा. और हम इनमें से प्रत्येक मुद्दे के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं."
मिलर ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा "मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं, लेकिन निश्चित रूप से, हमने जो सार्वजनिक रूप से कहा है, वही मैंने यहां से कहा है, कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं. हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए.''
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आया बयान
इससे पहले अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कहा था कि वो इस मामले पर बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. इसपर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. विदेश मंत्रालय (एमईए) के अधिकारियों ने दिल्ली में साउथ ब्लॉक स्थित अपने ऑफिस में मिशन के कार्यवाहक उप प्रमुख ग्लोरिया बरबेना को तलब किया. इस दौरान करीब 30 मिनट तक मीटिंग चली थी.
रिपोर्टों में कहा गया था कि अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन ने "मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया.'' इसके बाद भारत ने कहा कि, "हम भारत में कुछ कानूनी कार्यवाही के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हैं.''