Moon Lander Mission: लैंडर में तकनीकी खराबी के बाद एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने एक बयान में कहा था कि वे पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इसी बीच पता चला कि रॉकेट के इंजन में खराबी आ गई है. इससे मिशन के असफल होने का खतरा बढ़ गया. जिसके बाद अब कंपनी ने साफ कर दिया है कि चंद्रमा पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग की कोई संभावना नहीं है.
लैंडर को एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी कंपनी ने बनाया है. सोमवार को यूनाइटेड लॉन्च एलायंस के रॉकेट वल्कन ने लैंडर के साथ फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से उड़ान भरी. इस लैंडर को 23 फरवरी को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी. लेकिन उड़ान भरने के करीब सात घंटे बाद लैंडर में तकनीकी खराबी आने की जानकारी सामने आई.
तकनीकी टीम के लैंडर में पहुंचने के बाद एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी ने अपने बयान में कहा था कि वे पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. इसी बीच खुलासा हुआ कि इंजन में खराबी आ गई है, इससे मिशन के असफल होने का खतरा बढ़ गया. इसके बाद अब कंपनी ने साफ कर दिया है कि चंद्रमा पर लैंडिंग होने की कोई संभावना नहीं है.
जानकारी के मुताबिक, इसके पास सिर्फ करीब 40 घंटे का ही ईंधन है. अमेरिका के इस निजी चंद्र मिशन के लिए नासा ने कंपनी को 100 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान किया था. एस्ट्रोबोटिक के मुख्य कार्यकारी जॉन थॉर्नटन ने एक बयान में कहा कि हम चंद्रमा की ओर बढ़ रहे हैं, यदि यह मिशन सफल रहा तो यह किसी निजी कंपनी द्वारा चंद्रमा पर की गई पहली सॉफ्ट लैंडिंग भी होगी. हालांकि अब ये मिशन फेल हो गया है. First Updated : Wednesday, 10 January 2024