अमेरिका पहुंचा बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या का मामला, शेख हसीना के बेटे ने भारत को दिया ये संदेश

बांग्लादेश में भारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. शेख हसीना फिलहाल भारत में ही हैं. इस बीच शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद का एक बयान सामने आया है. सजीब वाजेद ने कहा कि, अवामी लीग के करोड़ों अनुयायी हैं और यह पार्टी रातों रात गायब नहीं हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, वे उनकी मां बांग्लादेश से बाहर निर्वासित जीवन नहीं जीना चाहतीं हैं.

JBT Desk
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बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन के बाद अब हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. आरजकता के बीच बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का मामला अब संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने एंटोनियो गुटरेस के प्रवक्ता ने कहा कि हम निश्चित रूप से नस्लीय आधारित हमले या इसके आधार पर हिंसा उकसाने के विरुद्ध खड़े हैं.

बता दें कि, बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं पर हमले को लेकर हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया है. इन हमलों में एक शिक्षक सहित दो लोगों की मौत हो चुकी है और 45 लोग घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंसा को रोका जाए ये हर तरह की नस्लभेदी हिंसा के खिलाफ है.

निर्वासन में नहीं रहना चाहती हैं शेख हसीना

इस बीच शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद का बयान सामने आया है. उन्होंने अपने मां हसीना को लेकर कई बात कही और भारत को भी संदेश दिया है. उन्होंने कहा, अगर पार्टी के कार्यकर्ता चाहेंगे तो वे देश लौटने और अवामी लीग का नेतृत्व करने पर विचार करेंगे. सजीब ने ये बयान एक खास इंटरव्यू के दौरान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी मां निर्वासन में नहीं रहना चाहती हैं और बांग्लदेश वापस जाना चाहती हैं.

शरण लेन की अफवाह पर वाजिद का बयान

वाजिद ने कहा कि मैं कल रात उनसे (शेख हसीना) बात की अभी तक उनकी कोई प्लानिंग नहीं है वह फिलहाल यही रहेंगी. उन्होंने कहा कि वीजा या शरण लेने के लिए आवेदन करने की सभी अफवाहें झूठ है. असल में वो वापस बांग्लादेश जाना चाहती हैं चाहे वह राजनीतिक में शामिल होना हो या रिटायर्ड होना हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. बांग्लादेश उनका घर है वह वहीं पली बड़ी है वैसे भी यह उनका आखिरी कार्यकाल होने वाला था वह 76 साल की हो चुकी है वह तुंगी पर में स्थित अपने गांव के घर में रिटायर्ड होना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि उनका सपना रहा है कि वह बांग्लादेश से बाहर निर्वासित जीवन जीना नहीं चाहती है.

जब वाजिद से पूछा गया कि शेख हसीना वापस राजनीतिक में आ सकती है तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब वही दे सकती है. उन्होंने दावा किया कि वह अपने देश के लिए राजनीतिक में थी इसलिए नहीं कि वह सत्ता में आना चाहती थी. वह पिछले दो कार्यकालों से रिटायर्ड होना चाहती थी वास्तव में हर चुनाव से पहले मुझे राजनीतिक में आने के लिए प्रेरित करती रही है हमारे परिवार में किसी को भी राजनीति में महत्वाकांक्षा नहीं रही है.

राजनीतिक में आने को लेकर क्या बोले शेख हसीना के बेटे

ही वाजेद से पूछा गया कि क्या वह राजनीतिक में आएंगे. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अभी डिफ़ॉल्ट रूप से पार्टी का चेहरा बन गए हैं. हालांकि, वह ऐसा कभी नहीं चाहते कि राजनीतिक में आए क्योंकि राजनीतिक में उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से पार्टी के नेताओं पर हमले की जा रहे हैं उनके घर जलाए जा रहे हैं उन्हें वैसे नहीं छोड़ सकते हैं. इसलिए वह पार्टी के कई नेताओं के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि लगभग हमारे सभी मंत्रियों को घर जल जला दिए गए हैं,  हमारे पुश्तैनी घर जला दिए गए हैं इसलिए इस स्थिति में जो भी करना होगा करूंगा.

सजीब वाजेद ने भारत को जताया आभार 

सजीब वाजेद जॉय ने आगे भारत को संदेश देते हुए कहा कि, "भारत सरकार को मेरा संदेश, मेरी मां की जान बचाने में उनकी सरकार की त्वरित कार्रवाई के लिए प्रधान मंत्री मोदी के प्रति मेरा व्यक्तिगत आभार है. मैं हमेशा आभारी हूं. मेरा दूसरा संदेश यह है कि भारत को दुनिया में नेतृत्व की भूमिका निभाने की जरूरत है, और अन्य विदेशी शक्तियों को स्थिति तय नहीं करने देनी चाहिए क्योंकि यह भारत का पूर्वी हिस्सा है. यह एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है कि कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता है हसीना की सरकार ने बांग्लादेश में शांति बनाए रखी, आर्थिक विकास को बनाए रखा, उग्रवाद को रोका और हमारे उपमहाद्वीप के पूर्वी हिस्से को स्थिर रखा. हम एकमात्र सरकार हैं जिसने साबित किया है कि हम ऐसा कर सकते हैं अन्य सरकारें असफल रही हैं.

अंतरिम सरकार की गठन पर कही ये बात

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय कहते हैं, "एक तरह से, मैं इसका स्वागत करता हूं क्योंकि इन लोगों को अल्पसंख्यकों, अभिजात वर्ग और पश्चिम द्वारा समर्थन दिया गया है. मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करता हूं, मैंने देखा है सरकार का कामकाज और सरकार के मानद सलाहकार के रूप में कार्य करना, किसी पद पर चुना जाना और नियुक्त किया जाना एक अलग बात है और राजनीतिक अनुभव के बिना, शासन के अनुभव के बिना शासन करना एक अलग बात है किसी देश को चलाना बहुत, बहुत मुश्किल है. मैं वास्तव में यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि वे कैसा प्रदर्शन करेंगे, और क्या वे देश को चलाने में सक्षम हैं.

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10 August 2024, 06:52 AM IST

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