अमेरिका बनाएगा Sixth Generation फाइटर जेट F-47, इस कंपनी को मिला कॉन्ट्रैक्ट, राष्ट्रपति ट्रंप ने किया बड़ा ऐलान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने छठवीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाने की मंजूरी दे दी है. विमान निर्माता कंपनी बोइंग को F-47 फाइटर जेट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. बोइंग पहले भी अमेरिकी वायुसेना समेत कई देशों के लिए फाइटर जेट का निर्माण कर चुकी है. F-47 अमेरिकी फाइटर जेट F-22 की जगह लेंगे. यह एक स्टील्थ और कई एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस फाइटर जेट होगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

अमेरिका की विमान निर्माता कंपनी बोइंग यूएस एयरफोर्स के लिए छठवीं पीढ़ी का फाइटर जेट बनाएगी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को घोषणा की कि बोइंग ने वायुसेना के हाई टेक्नोलॉजी वाले अगली पीढ़ी के F-47 फाइटर जेट का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत F-22 फाइटर जेट की जगह नया फाइटर जेट बनाया जाएगा, जो F-22 से ज्यादा ताकतवर और स्टील्थ फाइटर जेट होगा,  यह ड्रोन के साथ-साथ परिचालन करने में भी सक्षम होगा.

ट्रंप ने दिया F-47 नाम

ट्रंप ने ओवल ऑफिस में कहा कि अमेरिका की कुछ शीर्ष एयरोस्पेस कंपनियों के बीच कड़े कंपटीशन के बाद वायु सेना नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस (एनजीएडी) प्लेटफॉर्म के लिए बोइंग को कॉन्ट्रैक्ट देने जा रही है.उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से अनुबंध की कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता. अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में कोई भी विमान इसके करीब भी नहीं आता है और इसे एफ-47 के नाम से जाना जाएगा, जनरलों ने एक शीर्षक चुना है और यह एक सुंदर संख्या है.

एफ-47 की घोषणा बोइंग के लिए एक वरदान है, जिसने पिछले वर्ष कठिनाइयों का सामना किया था, जिसमें उसे लम्बी लेबर हड़ताल और सुरक्षा समस्याओं से जूझना पड़ा था. आपको बता दे कि एनजीएडी प्रयास को 2024 में लागत ज्यादा होने के कारण रोक दिया गया था. बताते चलें कि कांग्रेस कार्यालय ने 2018 में अनुमान लगाया था कि एनजीएडी एयरफ्रेम की लागत 300 मिलियन डॉलर प्रति विमान तक हो सकती है. जो वर्तमान में अमेरिकी भंडार में मौजूद अन्य विमानों की तुलना में काफी अधिक है. 

क्या बोले अमेरिका के मेजर जनरल जोसेफ कुंकेल?

वायुसेना के एक अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि पिछले वर्ष विराम के बाद वायुसेना ने एक अध्ययन कराया था, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि न केवल अतीत में, न केवल वर्तमान में, बल्कि भविष्य में भी वायुसेना मायने रखती है.

मेजर जनरल जोसेफ कुंकेल ने कोलोराडो में कहा कि इस रिसर्च से हमें यह पता चला कि हमने विभिन्न विकल्पों को आजमाया है और इस ज्यादा कंपटीशन वातावरण में हवाई मेरिट हासिल करने के लिए एनजीएडी से अधिक अच्छा विकल्प कोई नहीं है. एफ-47, एफ-22 राफ्टर विमान की जगह लेगा. आपको बता दें कि F-22 को 1980 के दशक में बनाया गया था. F 22 में स्टेल्थ टेक्नोलॉजी, हाई स्पीड और सुपरक्रूज या आफ्टरबर्नर के बिना सुपरसोनिक उड़ान बनाए रखने की क्षमता है.

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22 March 2025, 09:58 AM IST

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