भारत के ड्रीम प्रोजेक्ट को रोकने के लिए हमास ने किया था हमला, इजराइल-हमास युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान
Israel-Hamas War: करीब 3 सप्ताह से इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा की भारत के कारण हमास ने इजरायल पर हमला किया है.
Israel Hamas War: करीब तीन सप्ताह से इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बड़ा दावा किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "उन्हें लगता है कि हमास की ओर से इजरायल पर आतंकवादी हमला करने का एक कारण हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा भी हो सकता है." दरअसल, यह प्रोजेक्ट पूरे क्षेत्र को रेलमार्ग के नेटवर्क से जोड़ता है.
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए हमलों में 1,400 से अधिक इजरायली लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के जवाबी कार्रवाई में इज़रायल ने हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला शुरू कर दिया था. अब दोनों के बीच युद्ध जारी है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाइडेन ने कही ये बात
बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "उन्होंने अपने आप से ये आंकलन किया है और इसके लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है. उन्होंने कहा, “मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमास के आतंकी हमले के पीछे कहीं न कहीं यही एक बड़ा कारण है. हालांकि मेरे पास इसे लेकर सबूत नहीं हैं, लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझे यह बता रही है. उन्होंने ये भी कहा कि हम इस प्रोजेक्ट को पीछे नहीं छोड़ सकते.”
बाइडेन ने दूसरी बार दिया यह बयान
बाइडेने द्वारा इस मामलों को लेकर दिया गया यह दूसरा बयान है, एक हफ्ते के अंदर यह दूसरी बार है जब उन्होंने हमास के हमले के संभावित कारण के रूप में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) का उल्लेख किया है. इस आर्थिक गलियारे को कई लोग चीन की बीआरआई प्रोजेक्ट के विकल्प के रूप में भी देखते हैं. यह संयुक्त रूप से अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय देशों को जोड़ेगा.
इसकी घोषणा भारत ने सितंबर में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की थी. यह कॉरिडोर दो हिस्सों में होगा. एक हिस्सा पूर्वी गलियारा होगा जो भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ेगा, जबकि दूसरा हिस्सा उत्तरी गलियारा होगा जो खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ेगा.