पाकिस्तान की राजनीति में सेना फिर बनेगी किंग मेकर! PM के लिए एक नहीं तीन चेहरे... जानें राजनीतिक समीकरण
General Elections In Pakistan: पाकिस्तान इलेक्शन में स्पष्ट बहुमत न मिलने पर मुस्लिम लीग-एन के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने अब गठबंधन की कवायद तेज है, उन्होंने बीती देर रात पीपीपी के नेता आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो से मुलाकात की.
General Elections In Pakistan: पाकिस्तान चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने से वहां पर राजनैतिक स्थिरता बनी हुई है. साथ ही पाकिस्तानियों की महंगाई ने कमर तोड़ रख है. अब आम लोगों को नई सरकार से उम्मीद है कि वह उन्हें आर्थिक बदहाली से बाहर निकालने की कोशिश करेगी. हालांकि चुनाव के नतीजों ने जनता का सिर दर्द भी बढ़ा दिया है. इस पूरे मुकाबले में पूर्व पीएम नवाज शरीफ लगातार बिलावल भुट्टो के संपर्क में है. इन दोनों के बीच अंदरखाने बातचीत भी चल रही है.
बहुमत न मिलने पर गठबंधन की तैयारी में नवाज
बताया जा रहा है कि मुस्लिम लीग-एन के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने अब गठबंधन की कवायद तेज है, उन्होंने बीती देर रात पीपीपी के नेता आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो से मुलाकात की. इसके बाद पीपीपी ने कहा कि, सोमवार को सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी मीटिंग के बाद ही कोई फैसला लिया जा सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि इमरान समर्थक निर्दलीय उम्मीदवारों में से भी कई अपना पाला बदल सकते हैं.
सबसे ज्यादा उम्मीदवार इमरान के समर्थक जीते
पाकिस्तान चुनाव में बहुमत न मिलने के कारण वहां पर स्थिर सरकार नहीं बन पा रही है, हालांकि तमाम परेशानियों के बाद भी पाकिस्तानी अवाम ने इमरान खान पर भरोसा जताया है. 265 सीटों वाले असेंबली में इमरान के 101 समर्थक जीत कर आए हैं, नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन 75 और बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी को 54 सीटों पर जीत मिलीं है. लेकिन पाकिस्तान असेंबली में बहुमत का आंकड़ा पूरा करने के लिए 133 उम्मीदवारों की जरूरत होती है.
गठबंधन के पीछे सेना चलाएगी अपना सत्ता!
चुनावी नतीजे आने के बाद पाकिस्तान में नवाज लगातार बिलावल भुट्टो से बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर पाई है. राजनीतिक जानकार बताए रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना इमरान के समर्थकों को सत्ता में नहीं आना देना चाहती है. इसलिए लगातार वहां पर गठबंधन की तलाश की जा रही है. गठबंधन की सरकार को पर्दे के पीछे उसकी सेना ही हैंड कर रही होगी. हालांकि कहा जा रहा है इस बार किसी पार्टी के पीछे सेना की भूमिका कम ही होने वाली है. क्योंकि इमरान खान ने देश में सेना के खिलाफ एक माहौल तैयार कर दिया था. जिसके जवाब में पीटीआई सत्ता में नहीं आ पाई लेकिन सीटों की दृष्टि से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.