आज-कल के लड़के भी नहीं कर पाएंगे इस तरह का प्रपोज़, पढ़िए बेनजीर भुट्टो-ज़रदारी की लव स्टोरी

Asif Ali Zardari and Benazir Bhutto: आसिफ़ अली ज़रदारी पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बन गए हैं. इस मौक़े पर हम आपके लिए उनकी लव स्टोरी पेश करने जा रहे हैं.

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Asif Ali Zardari Love Story: आसिफ़ ज़रदारी पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति बन गए हैं. 9 मार्च यानी शनिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने अपने विपक्षी महमूद खान अचकज़ई को भारी वोटों से हराकर दूसरी बार यह पद हासिल किया है. आसिफ़ ज़रदारी रविवार को पद की शपथ लेंगे. इस मौक़े पर लोग उनकी ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं को नजर डाल रहे हैं. ऐसे में हम भी आज उनकी रोमांटिक लव स्टोरी के बारे में बताएँगे. आसिफ़ ज़रदारी की लव स्टोरी बहुत शानदार है. बल्कि ऐसी है कि शायद आज-कल के लड़के भी ऐसा नहीं करते हैं.

Asif Ali Zardari and Benazir Bhutto

कब हुई आसिफ़ ज़रदारी की शादी?
आसिफ अली ज़रदारी की शादी 18 दिसंबर 1987 को बेनजीर भुट्टो के साथ हुई थी. बेनजीर भुट्टो, ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो की बड़ी बेटी थीं और दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री भी रही हैं. आसिफ ज़रदारी और बेनजीर की शादी को कराची की यादगार शादियों में से एक बताया जाता है. सबसे ख़ास बात यह थी कि शादी के प्रोग्राम सबसे अमीर इलाक़ों से लेकर सबसे गरीब इलाक़ों तक हुए थे. 

Asif Ali Zardari and Benazir Bhutto

कुछ ऐसी हुई लव स्टोरी की शुरुआत:
एक इंटरव्यू के दौरान बेनजीर भुट्टो ने अपनी शादी के बारे में बताया कि जब मैंने तय किया कि मेरा भी अपना एक घर होना चाहिए तो एक बहुत अच्छा अजनबी (आसिफ अली जरदारी) अपनी अद्भुत मुस्कान के साथ मेरी जिंदगी में आया. उन्होंने आगे कहा कि मैंने सिर्फ 7 दिनों में उससे शादी करने का फैसला कर लिया था. भुट्टो बताती हैं कि ज़रदारी साहब ने उन्हें सबसे पहले दर्जनों फूल और चॉकलेट्स भेजे.

Asif Ali Zardari and Benazir Bhutto

ज़रदारी ने दी थी ‘दो दिलों वाली अंगूठी’
अपने शादी के प्रस्ताव के बारे में बात करते हुए भुट्टो ने कहा कि उन्होंने मुझे एक बहुत ही रोमांटिक अंगूठी दी थी, जिसको मैं कभी नहीं भूल सकती. इस अंगूठी पर दो दिल बने हुए थे. एक नीलमणि से बना है और दूसरा हीरे से बना है हुआ दिल था. उन्होंने कहा कि इस अंगूठी पर यह भी लिखा था कि केवल मौत ही हमें एक दूसरे से अलग कर सकती है.

Asif Ali Zardari and Benazir Bhutto

पहली बार कहां मिले थे ज़रदारी और भुट्टो
इंटरव्यू में बेनजीर भुट्टो बताती हैं कि आसिफ अली ज़रदारी ने मुझे पहली बार सिनेमा में देखा था. इत्तेफाक से हम दोनों एक ही फ़िल्म देखने के लिए सिनेमा गए थे. हम एक दूसरे को नहीं जानते थे. हम दोनों ने जो यहाँ पर फ़िल्म देखी थी उसमें एक रोमांटिक डायलॉग था कि,“मौत ही हमें अलग कर सकती है”, और यही डॉयलाग उन्होंने मुझे दी गई अंगूठी पर लिखवाया था. First Updated : Saturday, 09 March 2024