'साधु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हो रहा हिंदू मंदिरों पर हमला'... क्या होगी वहां शांति बहाल?
चटगाँव में एक साधु की गिरफ्तारी के विरोध में भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की. सैकड़ों लोग नारेबाजी करते हुए मंदिरों में घुसे और ईंट-पत्थर फेंके, जिससे मंदिरों को नुकसान हुआ. ये हिंसा तब शुरू हुई जब इस्कॉन के पूर्व सदस्य को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया. क्या है इस हमले की असल वजह और कैसे बढ़ रहा है बांग्लादेश में धार्मिक तनाव? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
Temples in Bangladesh: बांग्लादेश के चटगाँव शहर में हाल ही में हुए एक हिंसक हमले ने पूरे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है. यह हमला एक साधु की गिरफ्तारी के बाद हुआ, जिसने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को आहत किया, बल्कि हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया. हमलावरों ने तीन प्रमुख मंदिरों में तोड़फोड़ की, जिससे शहर के वातावरण में डर और असुरक्षा फैल गई.
मंदिरों पर हमला
दरअसल यह घटना शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे के करीब हुई, जब सैकड़ों लोगों की भीड़ ने चटगाँव के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन स्थित शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर पर हमला किया. हमलावरों ने हिंदू विरोधी नारे लगाए और बिना किसी उकसावे के मंदिरों में घुसकर तोड़फोड़ की. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने मंदिरों के दरवाजों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे कई मंदिरों को नुकसान पहुंचा.
The recent attacks on #shrines and temples in Bangladesh pose a serious threat to the country’s religious harmony. Extremist groups are systematically targeting #Sufi shrines and various places of worship. More than 50 shrines were destroyed, including the recent brutal assault… pic.twitter.com/xJZkqMGTs8
— Hussain Saddam (@saddam1971) November 29, 2024
शांतिनेश्वरी मंदिर के प्रबंधक तपन दास ने बताया कि हमलावर जुमा की नमाज के बाद सैकड़ों की संख्या में जमा हुए और हिंसक नारेबाजी करते हुए मंदिरों को नुकसान पहुंचाने लगे. जब स्थिति गंभीर हो गई, तो स्थानीय प्रशासन ने सेना को बुलाया, जिन्होंने आकर स्थिति को नियंत्रण में किया. इसके बाद, मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए गए, ताकि और कोई नुकसान न हो.
विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारी का कारण
यह हमलावरों का गुस्सा तब और बढ़ा, जब बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के एक पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद से ही ढाका और चटगाँव में हिंदू समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे और उनके प्रदर्शन के कारण हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गई.
#WATCH | Telangana: VHP, Bajrang Dal and ISKCON temple priest stage a protest in Hyderabad, condemning the attacks on Hindus in Bangladesh and the arrest and imprisonment of ISKCON priest Chinmoy Krishna Das. pic.twitter.com/c60D6XB1Kd
— ANI (@ANI) November 30, 2024
पुलिस अधिकारियों ने भी हमले की पुष्टि की और कहा कि यह विवाद दोनों धार्मिक समुदायों के बीच टकराव के कारण हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके. हालांकि, पुलिस ने यह भी बताया कि मंदिरों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और मामले की जांच जारी है.
बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक तनाव की स्थिति
इस घटना से साफ़ जाहिर होता है कि बांग्लादेश में धार्मिक तनाव बढ़ रहा है, खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ. जबकि देश में धार्मिक स्वतंत्रता की बात की जाती है, ऐसी घटनाएं साफ़ करती हैं कि हालात कुछ और ही बयान कर रहे हैं. इस हमले ने न सिर्फ चटगाँव, बल्कि पूरे बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को असुरक्षित महसूस कराया है.
धार्मिक तनाव
बांग्लादेश में हिंदू विरोधी नफरत और हिंसा के ऐसे मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं और इस बार भीड़ ने एक साथ मिलकर तीन मंदिरों को निशाना बनाकर यह साबित कर दिया कि धार्मिक विवादों की जड़ें गहरी होती जा रही हैं. यह घटना बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिरकार धार्मिक तनाव को कैसे शांत किया जाए, ताकि देश में अमन और शांति बनी रहे.