Terror Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आज एक दिल दहला देने वाला हमला हुआ है. मुसाखाइल जिले में सुबह-सुबह कुछ हथियारबंद हमलावरों ने ट्रकों और बसों को रोक लिया और यात्रियों को बाहर निकाल लिया. इस कायरतापूर्ण हमले में हमलावरों ने यात्रियों की पहले पहचान की, विशेष रूप से पंजाब के यात्रियों को निशाना बनाते हुए 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हमलावरों ने न केवल यात्रियों पर गोलियां चलाईं बल्कि 10 गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.
क्या है पूरा मामला
दरअसल हथियारबंद हमलावरों ने पहले इंटर-स्टेट हाईवे को जाम किया और फिर बसों और ट्रकों से यात्रियों को बाहर निकालकर उनकी पहचान करना शुरू किया. पहले उन्होंने पंजाब के यात्रियों की पहचान की और फिर उन पर गोलियों की बौछार कर दी. इसके साथ ही उन्होंने 10 गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया जिससे इलाके में एक भयावह माहौल बन गया.
पुलिस ने की त्वरित कार्यवाही
इस घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्यवाही करते हुए मृतकों के शवों को अस्पताल भेजा. मृतकों में से 3 बलूचिस्तान के निवासी थे जबकि बाकी पंजाब के थे. इस भयानक हमले के पीछे के कारणों और जिम्मेदार व्यक्तियों की अभी भी तलाश की जा रही है. लेकिन यह हमला बलूचिस्तान की सुरक्षा स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना देता है और अभी भी पूरे देश में ये हमला चिंता का विषय बना हुआ है.
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने की निंदा
इस हमले के बाद पंजाब सरकार की प्रवक्ता आजमा बुखारी ने बताया कि यह हमला पंजाब के लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमलों की श्रृंखला में नवीनतम है. इससे पहले अप्रैल में नोशकी के पास एक बस से 9 यात्रियों को उतारकर उनके आईडी कार्ड की जांच करने के बाद हत्या कर दी गई थी. मुसाखेल के असिस्टेंट कमिश्नर नजीब काकर ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने केवल गोलीबारी ही नहीं की बल्कि उन्होंने कई गाड़ियों को भी जला दिया. बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने इस हमले की निंदा की और मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
पुलिस के अनुसार बलूचिस्तान में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. अक्टूबर 2023 में केच जिले में पंजाब के 6 मजदूरों की हत्या की गई थी. इससे पहले 2015 में भी ऐसी एक घटना हुई थी, जिसमें 20 मजदूरों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. इन घटनाओं से साफ है कि हमलावरों ने जातीय पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाया है और शायद आगे भी बनाएंगे जोकि चिंता का विषय है. First Updated : Monday, 26 August 2024