Australia: खालिस्तान समर्थकों ने स्वामीनारायण मंदिर में की तोड़फोड़, गेट पर लगाया झंडा
ऑस्टेलिया में मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। खालिस्तानी समर्थकों ने सिडनी के स्वामीनारायण मंदिर की दीवार को तोड़ दिया है। उन्होंने मंदिर के गेट पर खालिस्तान का झंडा भी लगाया है।
हाइलाइट
- इस साल जनवरी में मेलबर्न के बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी।
ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमला करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सिडनी के रोजहिल उपनगर के बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार सुबह बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की है। इसके साथ ही मंदिर के गेट पर खालिस्तान का झंडा लटका हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले यह घटना सामने आई है। बता दें कि पीएम मोदी 24 मई को सिडनी में क्वाड शिखर सम्मेलन शामिल होंगे।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तान समर्थकों ने पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर हमला करते हुए तोड़फोड़ की। शुक्रवार को जब मंदिर प्रबंधन पूजा करने के लिए पहुंचा तो उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवार टूटी हुई है। वहीं मंदिर के गेट खालिस्तान का झंडा लटका हुआ मिला था।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना की सूचना मिलते ही संसद सदस्य एंड्रयू चार्लटन मंदिर पहुंचे। उन्होंने फिर से मंदिर की दीवार को रंगने में मदद की। इस दौरान चार्लटन ने कहा कि वे इस घटना से बहुत दुखी और हैरान है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। साथ ही पुलिस, गृह मामलों के विभाग, संघीय सदस्यों, भारतीय उच्चायोग और सिडनी के महावाणिज्यदूत के समर्थन की सराहना की।
साल की शुरूआत में भी की गई थी तोड़फोड़
ऑस्ट्रेलिया में पहले भी कई बार मंदिरों को निशाना बनाया गया है। इस साल मेलबर्न और ब्रिस्बेन में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाते हुए खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी। जनवरी में मेलबर्न के बाप्स स्वामीनारायण मंदिर और मेलबर्न के उत्तरी उपनगर मिल पार्क में बाप्स स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी। इसके साथ ही मंदिर की दीवारों पर नारे लिखे गए थे। जिनमें खालिस्तान समर्थक आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरांवाले को शहीद बताते हुए उसकी प्रशंसा की गई थी। वहीं तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने विरेध प्रदर्शन किया था।