अब 16 साल से कम उम्र के बच्चें नहीं यूज कर पाएंगे सोशल मीडिया, इस देश में पास हुआ कानून
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन सुरक्षा संशोधन (सोशल मीडिया न्यूनतम आयु) विधेयक 2024 युवा ऑस्ट्रेलियाई लोगों को उनके विकास के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा. इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 16 वर्ष से कम उम्र के यूजर्स को अकाउंट बनाने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने होंगे.
ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक ऐतिहासिक कानून पारित किया है, जिसमें सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष तय की गई है. यह कानून बुधवार को ऑस्ट्रेलियाई संसद के निचले सदन में पास हुआ और गुरुवार को सीनेट ने इसे द्विदलीय समर्थन से मंजूरी दी.
कानून के उद्देश्य और सलाह
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी और संचार मंत्री मिशेल रोलैंड ने बताया कि यह निर्णय विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, माता-पिता, शिक्षाविदों और बाल विकास विशेषज्ञों से व्यापक परामर्श के बाद लिया गया है. मिशेल रोलैंड ने कहा कि 16 वर्ष की न्यूनतम आयु तय करने का फैसला युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि सोशल मीडिया के नुकसान को कम किया जा सके.
कंपनियों पर जुर्माना
इस कानून के अनुसार, 16 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाने से रोकने की जिम्मेदारी अब सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी. यदि कंपनियां इस नियम को लागू करने में विफल रहती हैं, तो उन पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 32 मिलियन डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
कानून के तहत कौन से प्लेटफॉर्म होंगे शामिल
इस कानून के तहत, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे स्नैपचैट, टिकटॉक, इंस्टाग्राम और एक्स को शामिल किया जाएगा. हालांकि, वॉट्सएप, यूट्यूब और कुछ अन्य मैसेजिंग ऐप्स को इस नियम से बाहर रखा जा सकता है. इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को सरकारी पहचान प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी
कानून में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने होंगे, न कि माता-पिता या युवाओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए, और सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर माता-पिता को चिंता है.
यूजर्स की सुरक्षा पर ध्यान
सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चे केवल उन सेवाओं तक ही पहुंच सकें जो ई-सेफ्टी के कड़े मानकों को पूरा करती हों. इसके साथ ही, यह कानून सोशल मीडिया कंपनियों पर एक सामाजिक जिम्मेदारी डालता है, ताकि वे अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए जवाबदेह रहें. अगर वे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करती हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.