अब तो खामेनेई पर X भी लेने लगा एक्शन, अकाउंट सस्पेंड; बताया ये कारण?
Ayatollah Ali Khamenei X Account Suspended: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ अब सोशल मीडिया साइट X यानी पहले का ट्वीटर भी एक्शन लेने लगा है. खामेनेई का हिब्रू भाषा में शुरू किया गया हैंडल @Khamenei_Heb सस्पेंड कर दिया गया है. आइये जानें इसके पीछे कंपनी ने क्या कारण बताया है?
Ayatollah Ali Khamenei X Account Suspended: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई का हिब्रू भाषा में शुरू किया गया एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है. यह कार्रवाई अकाउंट के शुरू होने के एक दिन बाद ही की गई. सस्पेंशन के साथ प्लेटफॉर्म ने लिखा कि यह कदम नियमों के उल्लंघन के चलते उठाया गया है. जानकारी के मुताबिक, इस अकाउंट से इजरायल के खिलाफ संदेश दिए जा रहे थे. इस अकाउंट से दो पोस्ट किए गए थे, जिनमें से एक में लिखा था, "दयालु अल्लाह के नाम पर" दूसरी पोस्ट में इजरायल पर हमला करने के संदर्भ में कड़ी आलोचना की गई थी.
अयातुल्ला अली खामेनेई ने @Khamenei_Heb हैंडल के नाम से अकाउंट बनाया था. इसी पर X ने एक नोट में कहा गया है कि एक्स के नियमों का उल्लंघन करने के कारण इसे निलंबित कर दिया गया है. बता दें कंपनी हिंसक और घृणित संस्थाओं की सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के नियम बना रखे हैं.
मेन अकाउंट पर भी इजरायल के खिलाफ बयानबाजी
अपने मुख्य अकाउंट पर भी खामेनेई हिब्रू में पोस्ट करते रहते हैं, जहां वे अक्सर इजरायल के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि ईरान पर इजरायल के हमले को न तो बढ़ा-चढ़ाकर देखने की आवश्यकता है और न ही उसे नजरअंदाज करना चाहिए. हालांकि, खामेनेई ने प्रतिशोध का सीधा आह्वान नहीं किया, लेकिन इजरायली नेतृत्व की 'गलतफहमियों को दूर करने' की बात कही है. उन्होंने कहा कि ईरानी ताकत का सही आकलन करना चाहिए.
ईरान की सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया
खामेनेई ने यह भी कहा कि यह ईरानी अधिकारियों का काम है कि वे किस तरह से इजरायल को इस राष्ट्र की शक्ति और दृढ़ संकल्प का एहसास कराएं. उनका इशारा था कि ईरान इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है.
बता दें ईरानी सेना पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि गाजा या लेबनान में संघर्ष विराम बनाए रखना इजरायल पर किसी जवाबी हमले से अधिक फायदेमंद हो सकता है. हालांकि, ईरान ने यह भी कहा है कि वे आत्मरक्षा का अधिकार सुरक्षित रखते हैं.