बलूचिस्तान होगा आजाद! पाकिस्तानी सांसद ने दी बड़ी चेतावनी, कहा- '1971 जैसा हाल होगा'

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बढ़ते अलगाववाद और राजनीतिक संकट के बीच, पाक सांसद मौलाना फजल-उर-रहमान ने चेतावनी दी है कि इस प्रांत के कुछ जिलों में जल्द ही स्वतंत्रता की घोषणा हो सकती है. उन्होंने पाकिस्तान की संसद में कहा कि अगर यह हुआ, तो संयुक्त राष्ट्र इसे स्वीकृत कर सकता है, जिससे पाकिस्तान का पतन हो सकता है. यह स्थिति 1971 के बांग्लादेश संकट की याद दिलाती है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववाद की लहर और राजनीतिक संकट के बीच, एक पाकिस्तानी सांसद ने खुलासा किया है कि इस प्रांत के कुछ हिस्सों में जल्द ही स्वतंत्रता की घोषणा हो सकती है. मौलाना फजल-उर-रहमान ने पाकिस्तान की संसद में चेतावनी दी कि अगर बलूचिस्तान के कुछ जिलों ने स्वतंत्रता की घोषणा की तो इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृति मिल सकती है, और पाकिस्तान का पतन हो सकता है. उनका यह बयान 1971 के भारत-पाक युद्ध और बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी घटनाओं की याद दिलाता है.  

मौलाना फजल-उर-रहमान के अनुसार, बलूचिस्तान के पांच से सात जिलों में मुक्ति की घोषणा हो सकती है, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है. उनका कहना है कि यदि यह घोषणा हुई, तो पाकिस्तान का भविष्य खतरे में पड़ सकता है, और इससे पूरे देश में व्यापक असर हो सकता है.

बलूचिस्तान का अलगाववादी आंदोलन

बलूचिस्तान, पाकिस्तान का एक संवेदनशील और अस्थिर प्रांत रहा है, जहां लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं. इस आंदोलन के पीछे इलाके के लोग हैं, जो पाकिस्तान से अपनी स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं. मौलाना फजल-उर-रहमान ने कहा कि अगर बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों ने स्वतंत्रता की घोषणा की, तो संयुक्त राष्ट्र इसे मान्यता दे सकता है. इससे पाकिस्तान का पतन हो सकता है, जैसा कि 1971 में बांग्लादेश के मामले में हुआ था.

पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता

फजल-उर-रहमान की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में हिंसा फिर से बढ़ रही है. कुर्रम क्षेत्र में चल रहे संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और हाल ही में हुए हमले में दस लोगों की मौत हो चुकी है. इस इलाके में बाहरी दुनिया से संपर्क कट चुका है और अफगानिस्तान की सीमा के पास स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है. 

पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी

पाकिस्तानी सांसद ने चेतावनी दी है कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे प्रांतों में राज्य का नियंत्रण पूरी तरह से खत्म हो चुका है. इन क्षेत्रों में लोग लगातार पलायन कर रहे हैं और अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं. फजल-उर-रहमान ने पाकिस्तान के अन्य हिस्सों, खासकर पंजाब को चेतावनी दी कि अगर जल्दी समाधान नहीं निकाला गया, तो इसका गंभीर परिणाम हो सकता है. 

उन्होंने कहा, "हम झुलसी हुई धरती पर बैठे हैं, और यह जरूरी है कि सभी हितधारक अपरिवर्तनीय क्षति होने से पहले कोई कार्रवाई करें." उन्होंने इस बात पर भी दुख जताया कि पंजाब और पाकिस्तान के अन्य हिस्से स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं, और इसके परिणामस्वरूप देश में भौगोलिक और राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है.

बाहरी हस्तक्षेप का खतरा

मौलाना फजल-उर-रहमान ने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे क्षेत्रों में, जहां शासन व्यवस्था कमजोर हो जाती है, वहां बाहरी हस्तक्षेप का खतरा बढ़ जाता है. इन क्षेत्रों में बहुमूल्य खनिज संसाधन होने के कारण यह बाहरी ताकतों के लिए आकर्षक बन सकते हैं. ऐसे में पाकिस्तान को अपनी आंतरिक स्थिति को जल्द सुधारने की जरूरत है, ताकि देश की एकता और अखंडता बनी रहे.

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18 February 2025, 10:35 AM IST

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