बांग्लादेश लगातार भारत को उकसाने का प्रयास कर रहा है. हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर तेजी से हमले बढ़े हैं. जिसपर भारत ने चिंता जाहिर की है. इसके बाद बांग्लादेश ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हो सकते हैं. एक रिपोरट् के मुताबिक, बांग्लादेश ने भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पश्चिम बंगाल की सीमा पर तुर्की निर्मित बायरकटर टीबी2 ड्रोन की तैनाती की है. यह ड्रोन निगरानी और सटीक हमले करने में सक्षम है. बांग्लादेश के इस कदम से भारत की चिंताएं और बढ़ गईं हैं. खासकर भारत के रणनीतिक रूप से संवेदनशील “चिकन नेक” क्षेत्र के पास.
प्रोफेसर ने दी भारत के खिलाफ सलाह
बांग्लादेशी सेना की इस तैनाती से भारत के साथ जमीन के साथ-साथ हवा में भी तनाव बढ़ गया है. इससे पहले एक बांग्लादेशी प्रफेसर ने सरकार को सलाह दी थी कि वह पाकिस्तान से जेएफ-17 फाइटर जेट खरीदे और पूर्वोत्तर में भारत के विद्रोहियों को मदद दे.
भारतीय रक्षा अनुसंधान विंग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बांग्लादेश सशस्त्र बलों को इस वर्ष की शुरुआत में 12 बायरकटर टीबी2 ड्रोन में से छह प्राप्त हुए. 67वीं सेना इकाई द्वारा संचालित, इन यूएवी का उपयोग मुख्य रूप से खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) मिशनों और हल्के हमले की क्षमताओं के लिए किया जाता है. यह अधिग्रहण बांग्लादेश की अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और आधुनिक बनाने के प्रयासों को दिखाता है.
टैंक से लेकर तोप तक तबाह कर सकता है टीबी 2 ड्रोन
पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी स्वदेशी बुरक एयर टु सरफेस मिसाइल को बायरकतार टीबी 2 ड्रोन में फिट किया है. इस ड्रोन को दुनिया के 33 से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और यूक्रेन से लेकर आर्मीनिया अजरबैजान की लड़ाई में इस हमलावर ड्रोन ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है. इसके बाद बांग्लादेश की सेना ने भी तुर्की से इस टीबी 2 ड्रोन के लिए समझौता किया था. जब यह समझौता हुआ था, उस समय शेख हसीना ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं जो अभी भारत में शरण लिए हुए हैं.
बांग्लादेश की सेना तुर्की से बारुदी सुरंग से बचाने वाला वाहन, रॉकेट डिफेंस सिस्टम और हथियारबंद वाहन खरीद चुकी है. यूक्रेन युद्ध के बाद से ही तुर्की के इस ड्रोन की दुनियाभर में डिमांड बढ़ गई है. इस ड्रोन ने युद्ध का नक्शा बदल दिया है. हालांकि अब रूसी सेना ने इसका तोड़ निकाल लिया है और कई ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है. टीबी-2 ड्रोन 40 फुट के होते हैं और 25 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. ये टैंक और तोपों को अपने लेजर गाइडेड बम की मदद से तबाह करने की क्षमता रखते हैं. इसने रूस की सेना को काफी नुकसान पहुंचाया है.
First Updated : Thursday, 05 December 2024