One Nation One Election: भारत में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का मुद्दा इन दिनों सुर्खियों में है. सरकार ने इस बिल को संसद में पेश किया, जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया है. इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया और कई सवाल उठाए हैं. ऐसे में लोगों की दिलचस्पी यह जानने में बढ़ गई है कि पड़ोसी देशों, खासतौर से बांग्लादेश में चुनाव कैसे होते हैं.
बांग्लादेश में चुनावी प्रक्रिया भारत से कुछ हद तक समान है, लेकिन वहां चुनावों का स्वरूप और ढांचा कुछ अलग भी है. आइए जानते हैं कि बांग्लादेश में आम चुनाव किस प्रकार होते हैं और किस तरह की सरकार वहां का संचालन करती है.
बांग्लादेश में हर पांच साल पर आम चुनाव होते हैं. यहां की संसद में कुल 300 सीटें होती हैं, जिनके लिए जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है. इसके अलावा, देश में उप-जिला परिषद के चुनाव भी होते हैं, जो स्थानीय प्रशासन में अहम भूमिका निभाते हैं.
बांग्लादेश की सरकार का मुखिया प्रधानमंत्री होता है, जबकि राष्ट्रपति देश के राज्य प्रमुख के रूप में कार्य करता है. हालांकि, राष्ट्रपति का पद मुख्यतः औपचारिक होता है और उनका चुनाव राष्ट्रीय संसद के सदस्यों द्वारा किया जाता है.
बांग्लादेश में जल्द ही आम चुनावों की घोषणा हो सकती है. वर्तमान में राजनीतिक माहौल काफी अस्थिर है और अंतरिम सरकार का संचालन मुहम्मद यूनुस के हाथों में है.
भारत में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का मुद्दा वर्षों से बहस का विषय रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. इस प्रणाली के समर्थकों का मानना है कि इससे चुनावी खर्च कम होगा, प्रशासनिक संसाधनों पर दबाव घटेगा और सुचारू शासन सुनिश्चित होगा.
बांग्लादेश और भारत दोनों लोकतांत्रिक देश हैं. लेकिन जहां भारत में विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग चुनाव होते हैं, वहीं बांग्लादेश की चुनाव प्रणाली अपेक्षाकृत सरल है. First Updated : Tuesday, 17 December 2024