बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर भारतीय अमेरिकी समुदाय में गुस्सा है. इस मुद्दे को लेकर डॉ. भरत बरई ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से बांग्लादेश के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग करेंगे. उनका कहना है कि अगर बांग्लादेश में स्थिति में सुधार नहीं आता है, तो आर्थिक प्रतिबंध जैसे कड़े उपायों को लागू किया जाए. बता दें कि डॉ. भरत बरई एक प्रमुख भारतीय अमेरिकी डॉक्टर और समुदाय के नेता हैं. वो सक्रिय रूप से अमेरिकी नेताओं से संपर्क कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक वो अगले साल जनवरी में अमेरिका की सत्ता संभालेंगे. डॉ. बराई ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेटिक पार्टी ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा को नजरअंदाज किया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मानते हैं कि अमेरिका और यूरोप में रहने वाले कुछ प्रमुख व्यक्तियों की भूमिका हो सकती है, उन्होंने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक सरकार को हटाने की कोशिश की.
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और मंदिरों की तोड़फोड़ की घटनाओं ने भारतीय अमेरिकी समुदाय को चिंतित कर दिया है. डॉ. भारत बराई का कहना है कि बांग्लादेश की सरकार सेना के प्रभाव में है, और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अमेरिकी नेताओं से कार्रवाई की उम्मीद है. डॉ. बराई ने ट्रंप को साहसिक और निर्णायक नेता बताते हुए कहा कि अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो ट्रंप बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं.
डॉ. बराई ने बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने की बात की है, क्योंकि इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका बांग्लादेश पर दबाव बनाएगा, तो इससे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा कम हो सकती है. इसके अलावा, डॉ. बराई ने भारत से भी अपील की है कि वह बांग्लादेश के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार करें और अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करें.
गौरतलब है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि ऐसे हमले उनके शासनकाल में नहीं होंगे और वह बांग्लादेश की स्थिति को लेकर सख्त कदम उठाएंगे. अमेरिकी हिंदू समुदाय बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है. उनका मानना है कि अमेरिका और भारत को मिलकर बांग्लादेश पर दबाव डालना चाहिए ताकि वहां के अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा हो सके. First Updated : Saturday, 16 November 2024