शेख हसीना सरकार की तरफ से सरकारी नौकरियों में कोटा तय करने के फैसले के खिलाफ बांग्लादेश में प्रदर्शन किया जा रहा था. जिसमें कम से कम 32 लोगों की मौत की खबर मिल रही है. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक आज यानी गुरुवार को तनाव और बढ़ गया है. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टीवी मुख्यालय को आग लगा दी. वहीं अब भी ये संभावाना जताई जा रही है कि कई लोग बीटीवी बिल्डिंग में फंसे हुए हैं.
सरकारी अधिकारी ने की बात की पुष्टि
स्टेशन के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने परिसर में घुसकर कम से कम 60 वाहनों और एक कार्यालय भवन को आग के हवाले कर दिया है. राजधानी ढाका के एक इलाके की चर्चा करते हुए अधिकारी ने कहा कि "पुलिस द्वारा उन पर गोलियां चलाने के बाद उन्होंने सबसे पहले रामपुरा में एक पुलिस चौकी को आग लगा दी." जब पुलिस अधिकारी बीटीवी कार्यालय में शरण ले रहे थे, तो उन्होंने उनका पीछा किया. जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने फिर यहां उत्पात मचाया है." वहीं बीटीवी के सत्यापित फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा गया कि आग बहुत विनाशकारी थी.
छात्र के विरोश करने की क्या है वजह
बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा और देश में बढ़ती बेरोजगारी दर के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. हम अग्निशमन सेवा का सहयोग चाहते हैं, कई लोग अंदर फंसे हुए हैं. 170 मिलियन की आबादी वाले बांग्लादेश में लगभग 32 मिलियन युवा बेरोजगार हैं या शिक्षा से वंचित हैं. छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण कोटा खत्म करने की मांग की है.
पीएम शेख हसीना ने रखी अपनी बात
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि हत्याओं सहित हाल की अवांछित घटनाओं में निष्पक्ष और न्यायपूर्ण सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए" न्यायिक जांच की घोषणा की. उन्होंने कहा कि किसके उकसावे पर संघर्ष शुरू हुआ किसने किस उद्देश्य से देश को अराजक स्थिति में धकेला, इसकी जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा. उनका कहना है कि यह खेद की बात है कि कुछ वर्गों ने आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से अपनी अस्वीकार्य महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आंदोलन का फायदा उठाया है. First Updated : Thursday, 18 July 2024