'उनके खिलाफ कई मामले...' , भारत से बांग्लादेश कर सकता है शेख हसीना की मांग
Bangladesh News: बांग्लादेश से बड़ी खबर सामने आई है. देश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार पूर्व पीएम शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर विचार कर सकती है, जो इस समय नई दिल्ली में हैं. हसीना पर कम से कम दो हत्या के मामलों में नाम दर्ज है. इसके साथ ही उनके कम से कम तीन पूर्व मंत्रियों और सलाहकारों को बांग्लादेश में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
Bangladesh News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर विचार कर सकती है, जो इस समय नई दिल्ली में हैं. शेख हसीना 5 अगस्त को बांग्लादेश से भागकर भारत आ गईं, जब उनके खिलाफ हिंसक विद्रोह में लगभग 300 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कई छात्र भी शामिल थे. हसीना पर कम से कम दो हत्या के मामलों में नाम दर्ज है.
रॉयटर्स टीवी ने हुसैन के हवाले से कहा, 'उनके दिल्ली में, भारत में रहने से सवाल उठता है कि (हसीना के खिलाफ) इतने सारे मामले हैं कि फिर से कुछ अटकलें लगाई जा रही हैं, मैं इसका उत्तर देने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं, अगर वहां (गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय) से कोई अनुरोध आता है तो हमें उनसे बांग्लादेश लौटने के लिए कहना होगा'. हसीना के कम से कम तीन पूर्व मंत्रियों और सलाहकारों को बांग्लादेश में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
'भारत सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा होती है'
इस बीच उन्होंने आगे कहा, 'अगर वहां से कोई मांग आती है, तो इससे भारत सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा होती है. इसलिए मुझे लगता है कि भारत सरकार यह जानती है और मुझे यकीन है कि वे इसका ध्यान रखेंगे.' पदभार संभालने के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिए अपने पहले साक्षात्कार में हुसैन ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस, जो अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, भारत और पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से जिस तरह के बयान आ रहे हैं, उससे वे बहुत नाखुश हैं और उन्होंने इस महीने की शुरुआत में एक बैठक में भारतीय दूत को यह बात बताई थी.
रोहिंग्या संकट पर क्या बोले हुसैन?
हुसैन ने यह भी कहा कि बांग्लादेश को रोहिंग्या संकट और म्यांमार से अल्पसंख्यक समूह के आने से उत्पन्न मुद्दों से नहीं निपटना चाहिए, जो उत्पीड़न के कारण देश से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा, 'भारत बहुत बड़ा देश है, अगर वे कुछ लोगों को ले जाना चाहते हैं, तो कोई बात नहीं. हमने दस लाख लोगों को ले लिया है, उन्हें 200,000 ले जाने दें, मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन हमारा लक्ष्य उन्हें उनके देश वापस भेजना है.'
हुसैन ने आगे कहा, 'हम अब और रोहिंग्याओं को प्रवेश की अनुमति देने की स्थिति में नहीं हैं. यह एक मानवीय मुद्दा है जिसमें केवल बांग्लादेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया शामिल है. हमने अपने हिस्से से ज़्यादा काम किया है और दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए.'