शेख हसीना के आरोपों की जांच जारी, राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मानवता के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच की समय सीमा दो महीने बढ़ा दी है. यह फैसला छात्र प्रदर्शनों के दौरान हुए कथित नरसंहार के बाद आया है.

calender

Sheikh Hasina: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच की समय सीमा को दो महीने के लिए बढ़ा दिया है. यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आई है.

जांच के लिए समय सीमा बढ़ाई गई

आपको बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को आदेश पारित किया. जुलाई-अगस्त में छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुए नरसंहार के मामलों में हसीना समेत 45 अन्य लोगों के खिलाफ जांच की समय सीमा 18 फरवरी तक बढ़ाई गई है.

हसीना पर गंभीर आरोप

वहीं आपको बता दें कि 5 अगस्त को अभूतपूर्व छात्र विरोध प्रदर्शनों के चलते हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई और वह भारत भाग गईं. ''भेदभाव के खिलाफ छात्र'' आंदोलन के बैनर तले हुए मानसून क्रांति ने सरकार के खिलाफ तीव्र जवाबदेही और बदलाव की मांग उठाई. वहीं अभियोजन पक्ष के अनुसार, दो मामलों की जांच रिपोर्ट 18 फरवरी तक पूरी होनी थी, लेकिन जांच एजेंसी ने अधिक समय की मांग की. इस मामले में पूर्व कृषि मंत्री अब्दुर रज्जाक को मंगलवार को गिरफ्तार दिखाया गया.

हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां

साथ ही आपको बता दें कि अब तक 15 प्रमुख राजनीतिक और सरकारी पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें पूर्व कानून मंत्री अनीसुल हक, पूर्व उद्योग मंत्री अमीर हुसैन अमू, पूर्व खाद्य मंत्री कमरुल इस्लाम, पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) फारुक खान और वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष राशिद खान मेनन जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

जबरन गायब किए जाने के आरोप

इस बीच, अंतरिम सरकार द्वारा गठित जांच आयोग ने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि शेख हसीना जबरन गायब किए जाने की घटनाओं में शामिल रही हैं. आयोग का अनुमान है कि ऐसे मामलों की संख्या 3,500 से अधिक हो सकती है. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, ''आयोग को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की संलिप्तता के ठोस प्रमाण मिले हैं.''

बहरहाल, बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना के खिलाफ आरोप और बढ़ती जांच नई चुनौतियां पेश कर रही हैं. आगामी चुनावों से पहले यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है.  First Updated : Tuesday, 17 December 2024