Muhammad Yunus on India Relations: बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों में काफी उथल पुथल देखने को मिला है. शेख हसीना की इस्तिफा और देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार का गठन हुआ और मुहम्मद यूनुस को प्रमुख बनाया गया. अंतरिम सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. उनके साथ मारपीट की गई, संपत्तियों की तोड़फोड़ के साथ-साथ हिंदू मंदिरों को भी नष्ट कर दिए गए. इन सब मामलों पर अब बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस का बयान सामने आया है. यूनुस ने कहा कि भारत इन घटनाओं को बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहा है. ये हमले राजनीतिक प्रकृति के हैं, सांप्रदायिक नहीं.इसके अलावा उन्होंने इन घटनाओं पर भारत के नैरेटिव पर सवाल भी उठाया है.
मुहम्मद यूनुस ने इस नैरेटिव को दृढ़ता से खारिज कर दिया कि शेख हसीना के बिना बांग्लादेश दूसरा अफगानिस्तान बन जाएगा. उन्होंने भारत को भी अपना नैरेटिव बदलने के लिए आग्रह किया है और संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने को कहा. हसीना के पद से हटने के बाद देश के मुख्य सलाहकार नियुक्त किए गए यूनुस ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमलों के मुद्दे को "बढ़ा-चढ़ाकर" पेश किया जा रहा है और ये घटनाएं सांप्रदायिक हिंसा के बजाय राजनीतिक उथल-पुथल का नतीजा हैं.
नोबेल पुरस्कार विजेता ने भारत को संदेश देते हुए कहा कि भारत को अपना नैरेटिव बदल देना चाहिए कि बांग्लादेश केवल शेख हसीना के नेतृत्व में ही सुरक्षित है. उन्होने दोनों देशों के बीच रिश्ते को लेकर कहा कि हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन इसके लिए भारत को अपना नैरेटिव चेंज करना पड़ेगा. यूनुस ने आगे कहा कि भारत को लगता है कि अवामी लीग के अलावा बांग्लादेश की हर पार्टी इस्लामिक है, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) इस्लामिक है और बाकी सभी इस्लामिक हैं और इस देश को अफगानिस्तान बना देंगे लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दोनों देश के संबंध खराब हो गए हैं जिसे ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए.
सैन्य समर्थित कार्यवाहक सरकार ने भारत के साथ रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि फिलहाल रिश्ते अच्छे नहीं है और हमें इन संबंधों को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है. भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों के भविष्य के बारे में मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पारगमन और अदाणी बिजली समझौते जैसे कुछ समझौतों पर फिर से विचार करने की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा, 'हर कोई कह रहा है कि इसकी जरूरत है. हम देखेंगे कि दस्तावेजों पर क्या है और जमीनी हकीकत क्या है फिलहाल में इसके बारे में ज्यादा जवाब नहीं दे सकता हूं.
मुहम्मद यूनुस ने भारत को यह भी बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को तब तक चुप रहना चाहिए जब तक बांग्लादेश उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं करता. यूनुस ने कहा, अगर भारत उसे तब तक अपने पास रखना चाहता है जब तक बांग्लादेश (सरकार) उसे वापस नहीं बुला लेती, तो शर्त यह होगी कि उसे चुप रहना होगा. बता दें कि यूनुस का ये बयान बांग्लादेश और भारत के बीच चल रहे तनाव के बीच सामने आई है, जिसमें भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की है. First Updated : Friday, 06 September 2024