Syria crisis: सीरिया में दशकों से चले आ रहे बशर अल-असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया है. सीरियाई राष्ट्रपति छोड़कर भाग गए हैं और विद्रोही बलों ने राजधानी दमिश्क समेत कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है. सत्ता परिवर्तन के बाद, अब विरोध प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति और बशर अल-असद के पिता हाफिज अल-असद की मूर्तियों को तोड़कर अपनी नाराज़गी और विद्रोह का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया.
1970 में एक सैन्य तख्तापलट के जरिए हाफिज अल-असद ने सीरिया की सत्ता संभाली थी. पहले प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने तीन दशकों तक देश पर शासन किया. हालांकि उनका शासन तानाशाही था, लेकिन इसने सीरिया को स्थिरता और मध्य पूर्व में एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में स्थापित किया.
2000 में उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे बशर अल-असद ने सत्ता संभाली. लेकिन दो दशकों तक शासन करने के बाद, उनके खिलाफ सशस्त्र विद्रोह ने उनकी सत्ता को गिरा दिया.
सत्ता परिवर्तन के साथ सीरिया में विरोध प्रदर्शन अपने चरम पर पहुंच गया. राजधानी दमिश्क और अन्य शहरों में हाफिज अल-असद की मूर्तियों को गिराने की वीडियो सामने आई. खास तौर पर, चौथे सबसे बड़े शहर हामा में पूर्व राष्ट्रपति की मूर्ति को गिराया गया. इस दौरान लोगों ने मूर्ति का सिर काटकर एक वाहन से बांधा और सड़कों पर घसीटा. भीड़ ने इस दृश्य को अपने फोन में कैद किया और नारे भी लगाए.
लाताकिया शहर में भी हाफिज अल-असद की मूर्ति को तोड़ा गया. यह दृश्य हाल के सालों में दुनिया भर में तानाशाहों के शासन के अंत के बाद देखे गए प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शनों की याद दिलाते हैं.
सीरिया में 2011 में शुरू हुए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर हुई सरकारी कार्रवाई ने विद्रोह की शुरुआत कर दी. धीरे-धीरे ये आंदोलन एक बड़े संघर्ष में तब्दील हो गया, जिसमें विदेशी शक्तियां भी शामिल हो गई. इसी संघर्ष ने 5 लाख से ज्यादा लोगों की जान ली और लाखों लोगों को बेघर कर दिया.
First Updated : Sunday, 08 December 2024